नई दिल्ली, 24 जनवरी (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने हाईप्रोफाइल मर्डर के दोषी स्वामी श्रद्धानंद ऊर्फ मुरली मनोहर मिश्रा की रिहाई की मांग करने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई टाल दी है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई दो हफ्ते बाद करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश एएसजी केएम नटराज ने याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि याचिका में रिहाई के लिए राष्ट्रपति के दफ्तर को निर्देश देने की मांग की गई है। इसलिए उन्हें केंद्र सरकार से निर्देश लेना होगा। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद की उम्र 85 वर्ष हो गई है और 31 साल से बिना किसी पैरोल के जेल में हैं। इसके पहले की सुनवाई के दौरान स्वामी श्रद्धानंद ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि मृत्यु तक की कैद की सजा से बेहतर है कि उसे फांसी दे दी जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि क्या आप चाहते हैं कि आपकी उम्रकैद को फांसी की सजा में बदल दिया जाए।
श्रद्धानंद अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में 30 साल से न्यायिक हिरासत में है। श्रद्धानंद की पत्नी मैसूर रियासत की पूर्व दीवान की पोती थीं। श्रद्धानंद को 600 करोड़ की संपत्ति के लालच में अपनी पत्नी की हत्या कर शव को घर में ही दफन कर देने के मामले में उम्रकैद की सजा मिली है। 1991 में हुए इस चर्चित हत्याकांड पर ओटीटी प्लेटफार्म पर ‘Dancing on the Grave’ नाम से एक डाक्यूमेंट्री भी बन चुकी है।
(Udaipur Kiran) /संजय
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम