नई दिल्ली, 18 फरवरी (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति में चीफ जस्टिस की भूमिका खत्म करने के केंद्र सरकार के कानून पर रोक की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर कल यानि 19 फरवरी को सुनवाई करेगा। आज याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि इस मामले पर सुनवाई जरूरी है क्योंकि लोकतंत्र का मजाक बनाया जा रहा है। ये मामला 19 फरवरी के लिए लिस्टेड है और इस पर पहले नंबर पर सुनवाई की जाए। तब कोर्ट ने कहा कि हम 19 फरवरी को देखेंगे, अगर कोई जरूरी मामला नहीं होगा तो इस याचिका पर सुनवाई करेंगे।इस मामले में याचिकाकर्ता जया ठाकुर के अलावा एक याचिका एडीआर ने दायर की है। याचिका में चयन समिति में चीफ जस्टिस को भी रखने की मांग की गई है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले कुछ वकीलों ने भी याचिका दायर कर रखी है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए कानून को चुनौती देते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों में देश के चीफ जस्टिस को भी पैनल में शामिल करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि चुनाव में पारदर्शिता लाने के मद्देनजर मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करने वाले पैनल में चीफ जस्टिस को भी शामिल किया जाना जरूरी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 02 मार्च 2023 में अपने एक फैसले में कहा था कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति करने वाले पैनल में चीफ जस्टिस को भी शामिल किया जाएगा। जिसके बाद केंद्र सरकार द्वारा इस फैसले पर एक नया कानून बनाकर नियुक्ति प्रक्रिया में चीफ जस्टिस की बजाय सरकार का एक कैबिनेट मंत्री शामिल कर दिया गया। बतादें कि 18 फरवरी को मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के रिटायर होने के बाद केंद्र सरकार ने ज्ञानेश को मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया है।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
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