नई दिल्ली, 22 जुलाई (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट नीट मामले पर 23 जुलाई को भी सुनवाई जारी रखेगा। आज सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि बिहार में गिरफ्तार किए गए आरोपितों के बयानों से पता चलता है कि नीट के पेपर 4 मई से पहले लीक हुए थे। बिहार पुलिस की जांच के बयानों में कहा गया है कि पेपर लीक 4 मई को संबंधित बैंकों में प्रश्नपत्र जमा करने से पहले हुआ था। एनटीए का भी मानना है कि पेपर लीक हुआ है और पेपर व्हाट्सऐप पर भेजा गया।
सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा में जिस प्रश्न संख्या 19 के दो जवाब सही थे, उसका सही जवाब तय करने के लिए आईआईटी दिल्ली, डायरेक्टर को निर्देश दिया कि एक्सपर्ट कमेटी का गठन करके कल दोपहर तक सही जवाब तय करें। दरअसल, आज एक छात्र ने कहा था कि नीट के पेपर में प्रश्न संख्या 19 के दो सही जवाब थे।इस सवाल का जिन लोगों ने उत्तर दिया था, उनको एनटीए ने उसके चार मार्क्स दिए। उसने कोर्ट को बताया कि उसे कुल 711 मार्क्स मिले हैं, अगर उसे भी उस प्रश्न के मार्क्स मिले होते तो उसके कुल 715 हो जाते। सुनवाई के दौरान एक और छात्र ने यह सवाल उठाया था। अब आईआईटी दिल्ली उस सवाल का जवाब देगा।
आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील नरेंद्र हुड्डा ने एनटीए के रिजल्ट देने के तरीके पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जारी किए गए रिजल्ट में छात्रों के रोल नंबर तक नहीं दिए गए हैं। एनटीए ने रोल नंबर की जगह सीरियल नंबर दिए हैं लेकिन वो सीरियल नंबर भी रोल नंबर के क्रम में नहीं दिए गए हैं। एनटीए ने प्रकाशित किए गए रिजल्ट के डाटा में मनमाने तरीके से सीरियल नंबर दिए हैं, जिसके चलते किसी केंद्र विशेष के किसी रूम में परीक्षा दे रहे उम्मीदवारों के बारे में पूरी सटीक सूचना मिल पाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि एनटीए का परीक्षा आयोजित करने का तरीका कमजोर है। इस पर भरोसा नहीं होता और हर स्तर पर पेपर लीक की संभावना है।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने बिहार पुलिस द्वारा अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 161 के तहत दिए गए बयान की जानकारी मांगी। इस पर बिहार पुलिस ने बताया कि 4 मई को पहला बयान अनुराग यादव का दर्ज हुआ। उसके बाद नीतेश कुमार का बयान दर्ज हुआ। इसमें दो और आरोपित अमित आनंद और सिकंदर प्रसाद ने बिहार पुलिस के सामने बयान दर्ज कराया है। तब हड्डा ने कहा कि बिहार पुलिस के सामने अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 161 के तहत दर्ज इन चारों के बयानों से साफ है कि पेपर लीक 5 मई को परीक्षा होने से बहुत पहले ही हो गया था। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि नीतेश कुमार मौके पर मौजूद था। 5 मई को चिंटू के मोबाइल पर प्रश्न पत्र आया और लड़कों को सुबह 10 बजे याद कराया गया। मेहता ने कहा कि चिंटू के बयान के मुताबिक 5 मई को सुबह 10 बजे सॉल्व पेपर मोबाइल पर मिला। उसके बाद प्रश्नपत्र छात्रों को प्रिंट निकालकर याद करने के लिए दिया गया। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि आप हमें ऑल इंडिया डेटा के बारे में बताइए जो आपने जारी किया है। तब मेहता ने कहा कि हमने बिहार के सेंटर शहर और राज्य के छात्रों की सफलता के अनुपात का अध्ययन किया है। इसकी तुलना 2022 और 2023 से की है और इसमें कोई असामान्यता नहीं है।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि अनुराग यादव के बयान से लगता है कि उसे पेपर 4 मई को मिल गया था, फिर भी हमें देखना है कि क्या पेपर लीक पटना, हज़ारीबाग तक ही सीमित था या व्यापक स्तर पर हुआ था। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमारे पास अभी तक कोई ऐसा सबूत नहीं है, जिससे य़ह पता चले कि लीक की व्यापकता कितनी थी, जिससे नीट का पेपर पूरे देश में फैल गया था। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें यह देखना होगा कि क्या पेपर लीक स्थानीय स्तर पर है और यह भी देखना होगा कि पेपर सुबह नौ बजे लीक हुआ और साढ़े दस बजे तक हल हो गया। अगर हम इस पर विश्वास नहीं करते हैं तो आपको हमें यह दिखाना होगा कि पेपर लीक हजारीबाग और पटना से भी आगे हुआ था। आप हमें बताएं कि पेपर लीक कितना व्यापक है। सीबीआई की तीसरी रिपोर्ट से हमें पता चला है कि प्रिंटिंग प्रेस कहां स्थित थी।
(Udaipur Kiran) /संजय
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम / आकाश कुमार राय