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सुप्रीम कोर्ट ने सनातन धर्म पर टिप्पणी मामले में उदयनिधि स्टालिन को मिले अंतरिम संरक्षण को बरकरार रखा

सुप्रीम कोर्ट फाइल फोटो

नई दिल्ली, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने सनातन धर्म को लेकर आपत्तिजनक बयान देने के मामले में तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन को मिले अंतरिम संरक्षण को बरकरार रखा है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने ट्रायल कोर्ट में पेशी से दी गई छूट को भी बरकरार रखा है। कोर्ट ने महाराष्ट्र और बिहार सरकार को चार हफ्तों में जवाब दाखिल करने का समय देते हुए मामले की सुनवाई फरवरी 2025 में करने का आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को कुछ राज्यों में दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ने की मांग पर सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र और बिहार सरकार को नोटिस जारी किया था। इसके पहले 4 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन की खिंचाई करते हुए कहा था कि आपने संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत मिली अभिव्यक्ति की आजादी का दुरूपयोग किया। आपने धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का हनन किया। अब आप अनुच्छेद 32 के तहत कोर्ट का दखल चाहते हैं। कोर्ट ने स्टालिन से कहा था कि आप कोई आम नागरिक नहीं है, आप एक मंत्री हैं। आपको ये पता होना चाहिए कि आपके बयान का क्या असर होगा। उदयनिधि स्टालिन ने देश के विभिन्न हिस्सों मसलन उत्तर प्रदेश, बेंगलुरु, पटना, जम्मू और महाराष्ट्र में दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़े जाने की मांग की है।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पहले उदयनिधि स्टालिन को हाई कोर्ट जाने को कहा था। तब स्टालिन की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि उन्हें ऐसी सूरत में 6 हाई कोर्ट जाना होगा। ये दोषी साबित होने से पहले एक तरह से सजा देना होगा। सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों का हवाला दिया जिसमें कोर्ट ने एफआईआर जोड़े जाने का निर्देश दिया था।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह

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