नई दिल्ली, 21 जनवरी (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने एआईएमआईएम उम्मीदवार और 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के आरोपित ताहिर हुसैन की चुनाव प्रचार के लिए दाखिल अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस से पूछा कि जब आरोपित को नौ मामलों में जमानत मिल चुकी है तो एक मामले में अंतरिम जमानत क्यों नहीं दी जा सकती है। तब दिल्ली पुलिस ने जवाब देने के लिए समय देने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर कल यानी 22 जनवरी को भी सुनवाई जारी रखेगा।
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस पंकज मित्तल ने 20 जनवरी को इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि जेल में बैठकर चुनाव जीतना आसान है। ऐसे लोगों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध होना चाहिए। ताहिर हुसैन ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी है जिसमें हाई कोर्ट ने ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत की मांग ठुकराते हुए कहा था कि इस तथ्य को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है कि ताहिर हुसैन पर दिल्ली दंगों की साजिश रचने का आरोप है, जिसमें 59 लोगों की जान गई थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि सिर्फ पूर्व पार्षद होने के चलते वो अंतरिम जमानत का हकदार नहीं हो जाता।
दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने 14 जनवरी को ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका खारिज करते हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में नामांकन दाखिल करने के लिए कस्टडी पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका का विरोध करने हुए कहा था कि ताहिर हुसैन समाज के लिए खतरा है। उन्होंने कहा था कि हुसैन का यह कहना की चुनाव लड़ना उनका मौलिक अधिकार है तो चुनाव लड़ना कोई मौलिक अधिकार नहीं है। इसके अलावा वह चाहे तो जेल से भी अपना नामांकन दाखिल कर सकता है। दिल्ली पुलिस ने अपनी इस दलील के समर्थन में अमृतपाल सिंह का उदाहरण दिया था। ताहिर हुसैन को एआईएमआईएम की ओर से उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद से उम्मीदवार बनाया गया है।
(Udaipur Kiran) /संजय
—————
(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह