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नई दिल्ली, 18 दिसंबर (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यासिन मलिक के खिलाफ ट्रायल को जम्मू के बजाय तिहाड़ जेल में मौजूद कोर्ट में ट्रांसफर करने की सीबीआई की मांग पर सुनवाई करते हुए यासिन मलिक समेत इस मामले के छह आरोपितों को जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर अगली सुनवाई 20 जनवरी 2025 को करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने आज इस बात पर गौर किया कि इस मामले के छह आरोपितों में से किसी ने भी जवाब दाखिल नहीं किया है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यासिन मलिक के खिलाफ ट्रायल को जम्मू की बजाय तिहाड़ जेल में मौजूद कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है। सीबीआई का कहना है कि तिहाड़ जेल में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की पूरी सुविधा उपलब्ध है। वहां कोर्ट लगता रहा है। पहले भी कई मामले की सुनवाई होती रही है। यासिन मलिक जम्मू-कश्मीर में इंडियन एयर फोर्स के चार जवानों की हत्या और रुबिया सईद के अपहरण के मामले में वहां की निचली अदालत में मुकदमे का सामना कर रहा है। जम्मू-कश्मीर में टाडा कोर्ट ने मलिक को व्यक्तिगत पेशी के लिए समन जारी किया था। यासिन मलिक भी जम्मू-कश्मीर में निचली अदालत में पेश होकर अपनी पैरवी करना चाहता है।
सीबीआई ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है। सीबीआई का कहना है कि यासिन मलिक कोई आम आतंकवादी नहीं है। वो लगातार पाकिस्तान जाता रहा है। हाफिज सईद के साथ उसने मंच साझा किया है। उसके जम्मू-कश्मीर जाने से वहां का माहौल बिगड़ सकता है। गवाहों को सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
(Udaipur Kiran) /संजय
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम
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