
नई दिल्ली, 24 मार्च (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग लड़की के साथ रेप की कोशिश से जुड़े इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने इनकार कर दिया है। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने कहा कि हम अनुच्छेद 32 के तहत इस मामले पर सुनवाई नहीं करेंगे।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि हमारे यहां नारा है बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ। तब जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने कहा कि यहां भाषणबाजी नहीं, हम अनुच्छेद 32 के तहत इस मामले पर सुनवाई नहीं करेंगे।
दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कासगंज के ट्रायल कोर्ट के आदेश को पलटते हए कहा था कि किसी पीड़िता का प्राइवेट पार्ट छूना और उसकी सलवार का नाड़ा तोड़ना रेप या रेप की कोशिश नहीं माना जाएगा, बल्कि ये एक गंभीर यौन उत्पीड़न माना जाएगा। कासगंज के ट्रायल कोर्ट ने दो आरोपितों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट की दारा 18 के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया था।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस मनोहर नारायण मिश्रा की बेंच ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को पलटते हुए आरोपितों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354बी और पॉक्सो एक्ट की धारा 9 एवं 10 के तहत मुकदमा चलाने का निर्देश दिया था। हाई कोर्ट के इस फैसले की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई थी।
(Udaipur Kiran) /संजय———–
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम
