HEADLINES

जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट का जल्द सुनवाई से इनकार

supreme court

नई दिल्ली, 14 मई (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता और वकील मैथ्यूज नेदुम्परा से कहा कि आप मेंशनिंग की प्रक्रियाओं का पालन कीजिए।

पूर्व चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने मामलों की जल्द सुनवाई के लिए मौखिक मेंशनिंग पर रोक लगा दी थी। इसके लिए वकीलों और पक्षकारों को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को पहले ई-मेल करना होगा। वकील नेदुम्परा और दो दूसरे याचिकाकर्ताओं की याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली पुलिस को इस मामले में एफआईआर दर्ज कर प्रभावी जांच करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए। याचिका में कहा गया है कि चीफ जस्टिस की ओर से गठित तीन सदस्यीय जांच समिति को जस्टिस वर्मा के आवास पर आग लगने की घटना की जांच करने का कोई अधिकार नहीं है। वो घटना भारतीय न्याय संहिता के तहत विभिन्न संज्ञेय अपराधों के दायरे में आती है।

याचिका में कहा गया है कि जांच समिति को इस तरह जांच का अधिकार देने के फैसले का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को खुद को ऐसा आदेश देने का अधिकार नहीं है। याचिका में कहा गया है कि जब अग्निशमन दल और दिल्ली पुलिस ने आग बुझाने का काम किया तो यह भारतीय न्याय संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत संज्ञेय अपराध है और यह पुलिस का कर्तव्य है कि वो एफआईआर दर्ज करे।

याचिका में कहा गया है कि यह न्याय बेचकर काला धन रखने का मामला है। याचिका में कहा गया है कि जस्टिस वर्मा के बयान पर अगर विश्वास भी कर लिया जाए तो यह सवाल बना हुआ है कि उन्होंने एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराया। बता दें कि जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर 14 मार्च को आग लगने के बाद अग्निशमन विभाग ने कैश बरामद किया था।

(Udaipur Kiran) /संजय

—————

(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी

Most Popular

To Top