
नई दिल्ली, 07 फरवरी (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के संभल में बिना नोटिस के बुलडोजर एक्शन पर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने की सलाह दी।
संभल निवासी मोहम्मद घयूर ने दायर याचिका में कहा था कि 10 और 11 जनवरी के बीच संभल स्थित उसकी एक संपत्ति को ध्वस्त कर दिया गया। याचिका में कहा गया था कि 10 और 11 जनवरी के बीच संभल के बेहजोल रोड स्थित तिवारी सराय की उसकी संपत्ति को बिना कोई नोटिस दिए ही ढहाना सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।
इससे पहले 13 नवंबर, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा था कि अगर कानून की प्रक्रिया का पालन किए बिना किसी आरोपी या दोषी का घर ध्वस्त कर दिया जाता है, तो उसका परिवार मुआवजे का हकदार होगा। साथ ही मनमाने ढंग से या अवैध तरीके से काम करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कार्यपालिका न्यायाधीश बनकर किसी आरोपी की संपत्ति को ध्वस्त करने का निर्णय नहीं ले सकती। न्याय करने का काम न्यायपालिका का है। कार्यपालिका न्यायपालिका की जगह नहीं ले सकती है। कोर्ट ने कहा था कि किसी का घर उसकी उम्मीदें है। हर किसी का सपना होता है कि उसका आश्रय कभी न छीने और हर एक का सपना होता है कि उसके पास आश्रय हो।
(Udaipur Kiran) /संजय———–
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम
