
नई दिल्ली, 11 जून (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के एक न्यायिक अधिकारी के खिलाफ अपनी नाबालिग बेटी के साथ यौन उत्पीड़न करने के मामले में आपराधिक कार्यवाही को निरस्त करने की मांग को खारिज कर दिया है। जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने कहा कि ये स्तब्ध करने वाली घटना है कि एक न्यायिक अधिकारी की बेटी आरोप लगा रही है।
कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता नाबालिग लड़की को आरोप लगाते समय अपनी जान का जरुर डर लग रहा होगा। आरोपित न्यायिक अधिकारी है, ऐसे में आपराधिक कार्यवाही कैसे निरस्त की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपित न्यायिक अधिकारी की ओर से पेश वकील की उस दलील को भी खारिज कर दिया कि ये आरोप इसलिए लगाए गए हैं क्योंकि न्यायिक अधिकारी के अपनी पत्नी से पुराना वैवाहिक विवाद है।
आरोपित न्यायिक अधिकारी ने बांबे हाई कोर्ट में अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक कार्यवाही को निरस्त करने की मांग की थी। बांबे हाई कोर्ट ने 15 अप्रैल को आरोपित न्यायिक अधिकारी की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद आरोपित न्यायिक अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
