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सुप्रीम कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला का तलाक मामला मध्यस्थता केंद्र में भेजने का आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को अपनी पत्नी पायल अब्दुल्ला से तलाक की अर्जी पर सुनवाई करते हुए मामले को शुक्रवार को मध्यस्थता केंद्र में भेजने का आदेश दिया। जस्टिस सुधांशु धुलिया की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि कई बार शादियों में रिश्ते बेहतर होने की कोई गुजाइश नहीं बचती, फिर भी एक बार कोशिश की जा सकती है। आप दोनों पक्ष मध्यस्थता के जरिये सुलझाने की कोशिश करें। कोर्ट इस मामले पर आठ हफ्ते बाद सुनवाई करेगा।

कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला की याचिका पर सुनवाई करते हुए 15 जुलाई को पायल अब्दुल्ला को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान उमर अब्दुल्ला की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि दोनों की शादी मर चुकी है। वे पिछले 15 सालों से अलग रह रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि 12 दिसंबर 2023 को दिल्ली हाई कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला की तलाक की अर्जी खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ उमर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उमर अब्दुल्ला ने पायल अब्दुल्ला पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। इसके पहले ट्रायल कोर्ट ने भी उमर अब्दुल्ला की तलाक की अर्जी 30 अगस्त, 2016 को खारिज कर दी थी।

हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि पायल और उनके दो बेटों की गुजारा भत्ता की मांग स्वीकार करने योग्य नहीं है। उमर की इस दलील का पायल के वकील ने पुरजोर विरोध कर कहा था कि 2016 से पायल अकेले रह रही हैं और उसे कोई खर्च नहीं दिया जा रहा है। यहां तक कि उसके पास अपने बेटों की फीस तक भरने के पैसे नहीं हैं। उमर ने कहा था कि पायल अपना गुजारा कर सकती हैं, क्योंकि उनका अपना व्यवसाय है और दिल्ली में उनका एक घर भी है। बेटे भी अब बड़े हो गए हैं, जो गुजारा भत्ता नहीं मांग सकते हैं।

(Udaipur Kiran) /संजय

(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम

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