
– उत्तर प्रदेश में बच्चों की तस्करी से जुड़े मामले के 13 आरोपितों को मिली जमानत निरस्त
नई दिल्ली, 15 अप्रैल (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी नवजात बच्चे को अस्पताल से चुराया जाता है तो सबसे पहले उस अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड होना चाहिए। जस्टिस जेबी पारदीवाला की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश में बच्चों की तस्करी से जुड़े मामले के 13 आरोपितों को मिली जमानत निरस्त करते हुए की।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बच्चों की तस्करी रोकने और इस तरह के केस से निपटने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी हाई कोर्ट से कहा है कि वो निचली अदालतों को बच्चों की तस्करी से जुड़े मामलों में 6 महीने में ट्रायल पूरा करने को कहे। ऐसे मामलों की ट्रायल कोर्ट में रोजाना सुनवाई हो। कोर्ट ने साफ किया कि इन दिशा-निर्देशों के अमल में किसी भी तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा और इसे कोर्ट की अवमानना माना जाएगा।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश के जिस तस्करी से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहा था, उन 18 मामलों में 13 आरोपित थे। इनमें बच्चों की खरीद-फरोख्त से जुड़े गैंग के अलावा, दो नर्स और बच्चे को खरीदने वाले निःसंतान दंपति भी शामिल थे। कोर्ट ने इस मामले से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और इलाहाबाद हाई कोर्ट के रवैए पर नाराजगी जाहिर की।
(Udaipur Kiran) /संजय————
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम
