
नई दिल्ली, 20 फरवरी (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के जजों पर लोकपाल के फैसले पर बड़ा दखल दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें कहा गया था कि हाई कोर्ट के जजों के खिलाफ शिकायतों की जांच करना लोकपाल के अधिकार क्षेत्र में आता है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने लोकपाल के आदेश पर स्वत: संज्ञान लेते हए कहा कि यह फैसला परेशान करने वाला है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के जजों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों पर लोकपाल को सुनवाई का अधिकार घोषित करने वाले लोकपाल के 27 जनवरी के आदेश पर रोक लगा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल में शिकायत करने वाले शिकायतकर्ता को निर्देश दिया कि उन्होंने जिस जज के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है उसका नाम सार्वजनिक नहीं करें। शिकायतकर्ता ने लोकपाल से शिकायत की थी कि एक निजी फर्म उस जज का पहले मुवक्किल रह चुका है जब वो वकालत करते थे।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली लोकपाल की बेंच ने 27 जनवरी के अपने आदेश में हाई कोर्ट के जज के खिलाफ जांच करने का आदेश दिया था। आज सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लोकपाल ने कानून की गलत व्याख्या की। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के जज को लोकपाल की परिधि में नहीं लाया गया है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने भी लोकपाल के आदेश की आलोचना की और कोर्ट से इस पर रोक लगाने की मांग की।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
