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सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण के बुलडोजर एक्शन को असंवैधानिक ठहराया

प्रतीकात्मक

– पांचों पीड़ितों को छह सप्ताह के भीतर दस-दस लाख रुपये हर्जाने का भुगतान करे पीडीए

नई दिल्ली, 01 अप्रैल (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज में एक वकील, एक प्रोफेसर और तीन अन्य लोगों के घर ध्वस्त करने की प्रक्रिया को असंवैधानिक ठहराया है। कोर्ट ने पांचों पीड़ितों को दस-दस लाख रुपये हर्जाना देने का आदेश प्रयागराज विकास प्राधिकरण को दिया है।

दरअसल, वकील जुल्फिकार हैदर, प्रोफेसर अली अहमद और तीन अन्य लोगों ने याचिका दायर की थी। इन सभी याचिकाकर्ताओं के घरों को मार्च, 2021 में ध्वस्त कर दिया गया था। याचिकाकर्ताओं के घरों को ध्वस्त करने से एक रात पहले ही नोटिस चस्पा किया गया था और दूसरे दिन पांचों घरों को गिरा दिया गया था।

जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) को आदेश दिया है कि वह उन पांचों पीड़ितों को छह सप्ताह के भीतर दस-दस लाख रुपये हर्जाने का भुगतान करे, जिनके घर गिराए गए हैं।

कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण की आलोचना करते हुए कहा कि उसने कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना घरों को गिराया है, जिससे हमारी अंतरात्मा को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विकास प्राधिकरणों को याद रखना चाहिए कि आश्रय का अधिकार भी भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का अभिन्न अंग है।

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(Udaipur Kiran) / पवन कुमार

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