
नई दिल्ली, 16 अप्रैल (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनकी पत्नी पायल अब्दुल्ला को अपने वैवाहिक विवाद निपटाने के लिए एक साथ बैठने का निर्देश दिया है। जस्टिस सुधांशु धुलिया की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया।
आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को ये बताया गया कि दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की कोशिश विफल हो गई है। तब कोर्ट ने कहा कि भले ही मध्यस्थता विफल हो गई है लेकिन दोनों को एक बार अपने विवाद को सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए। कोर्ट ने इस मामले पर तीन हफ्ते के बाद सुनवाई करने का आदेश दिया।
बता दें कि 30 अगस्त 2024 को कोर्ट ने इस मामले को मध्यस्थता केंद्र में भेजने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि हालांकि कई बार शादियों में रिश्ते बेहतर होने की कोई गुंजाइश नहीं बचती फिर भी एक बार कोशिश की जा सकती है। आप दोनों पक्ष मध्यस्थता के जरिये सुलझाने की कोशिश करें।
कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला की याचिका पर सुनवाई करते हुए 15 जुलाई 2024 को पायल अब्दुल्ला को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान उमर अब्दुल्ला की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि दोनों की शादी मर चुकी है। वे पिछले 15 सालों से अलग रह रहे हैं। बता दें कि 12 दिसंबर 2023 को दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर अब्दुल्ला की तलाक की अर्जी खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ उमर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उमर अब्दुल्ला ने पायल अब्दुल्ला पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। इसके पहले ट्रायल कोर्ट भी उमर अब्दुल्ला की तलाक की अर्जी 30 अगस्त 2016 को खारिज कर दिया था।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि पायल और उनके दो बेटों ने जिस गुजारा भत्ता की मांग की है वो स्वीकार करने योग्य नहीं है । उमर की इस दलील का पायल अब्दुल्ला के वकील ने पुरजोर विरोध किया था और कहा था कि 2016 से पायल अकेले रह रही है और उसे कोई खर्च नहीं दिया जा रहा है । यहां तक कि उसे अपने बेटों की फीस तक भरने के पैसे नहीं हैं । उमर ने कहा था कि पायल अपना गुजारा कर सकती हैं क्योंकि उनका अपना व्यवसाय है और दिल्ली में उनका एक घर भी है । बेटे भी अब बड़े हो गए हैं जो गुजारा भत्ता नहीं मांग सकते हैं।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
