शिमला, 03 दिसंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सुक्खू सरकार अपनी सत्ता में आने के दो साल पूरे होने पर 11 दिसंबर को बिलासपुर में एक भव्य समारोह का आयोजन करेगी। इस मौके पर सुक्खू सरकार तीन गारंटियों की शुरूआत करेगी। यह तीन गारंटियां युवाओं, बेरोजगारों, किसानों और महिलाओं के हित में होंगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में मंगलवार को शिमला में आयोजित कांग्रेस विधायक दल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और अन्य वरिष्ठ नेता इस बैठक में शामिल हुए। यह बैठक प्रदेश में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के दो साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित की गई। इस दौरान पार्टी ने अपने दो वर्षों की उपलब्धियों को लेकर बिलासपुर में 11 दिसम्बर को होने वाले समारोह की तैयारियों पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दो साल में कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों, पेंशनरों, किसान-बागवानों, महिलाओं और युवाओं के हित में कार्य किया है। ओपीएस बहाली, महिलाओं को 1500 रुपये सम्मान निधि, बेरोजगारों को 20 हजार नौकरियां और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई है। उन्होंने कहा कि समारोह वाले दिन युवाओं के लिए 680 करोड़ की राजीव गांधी ई-टैक्सी योजना, इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना औऱ गाय के गोबर की खरीद की योजना को बिलासपुर से लांच किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा झूठ पर झूठ पर बोले जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने पांच साल के कार्यकाल में धरातल पर एक भी काम नहीं किया। भ्रष्टाचार और पेपर लीक दहेज में भाजपा ने कांग्रेस सरकार को दिया जिसमें सरकार ने नकेल कसी है। पूर्व भाजपा सरकार की कारगुज़ारियों को बिलासपुर में होने वाले समारोह में जनता के बीच सांझा किया जाएगा। उन्होंने केंद्र सरकार पर हिमाचल के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस ने चुनाव से पहले दी थीं 10 गारंटियां, दो साल में पांच गारंटियां पूरी करने का दावा
कांग्रेस ने 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता को 10 गारंटियां दीं थीं। सरकार का दावा है कि दो साल के कार्यकाल में 10 में से पांच गारंटियों को पूरा कर दिया गया है। इनमें सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस), महिलाओं के लिए 1500 मासिक सम्मान निधि, युवाओं के लिए स्टार्टअप योजना, सरकारी स्कूल में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई औऱ दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करना शामिल है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा