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शिमला, 02 जनवरी (Udaipur Kiran) । नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस की सुक्खू सरकार पर तीखा हमला बोला है। गुरुवार को शिमला में पत्रकारों से बातचीत में जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार गारंटियों को पूरा करने में विफल रही है और अब जनता को धोखा दे रही है। उन्होंने कहा कि जिन गारंटियों के दम पर कांग्रेस ने सत्ता हासिल की थी, अब उन्हीं वादों से पलटने का काम किया जा रहा है।
जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुक्खू के बिजली सब्सिडी छोड़ने के फैसले पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनावी वादों में 300 यूनिट मुफ्त बिजली की गारंटी देने वाली कांग्रेस अब जनता पर सब्सिडी छोड़ने का बोझ डाल रही है। उन्होंने इसे सरकार की नाकामी बताते हुए मुख्यमंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देकर दोबारा जनमत हासिल करने की चुनौती दी।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में 26 लाख बिजली उपभोक्ताओं में से घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट बिजली पर सब्सिडी भाजपा सरकार के समय से मिल रही थी, जिसे सुक्खू सरकार ने बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पहले से मिल रही सब्सिडी को भी खत्म कर दिया और अब 300 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा पूरा करने में नाकाम रही है।
उन्होंने कहा कि घरेलू बिजली की प्रति यूनिट कीमत पांच रुपये 60 पैसे है। जिसमें तीन रुपये 53 पैसे की सब्सिडी पहले से दी जा रही थी। सुक्खू सरकार ने सब्सिडी को इस तरह लागू किया है कि 126 यूनिट से अधिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट छह रुपये की दर से बिजली मिल रही है। इसके अलावा 300 यूनिट से ऊपर खपत करने वालों को मात्र एक रुपये तीन पैसे की सब्सिडी दी जा रही है।
उद्योगों पर भारी टैक्स का आरोप
जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने उद्योगों पर भारी भरकम टैक्स थोप दिया है, जिससे हिमाचल की अर्थव्यवस्था और रोजगार प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस सरकार के दो साल के कार्यकाल को पूरी तरह विफल करार देते हुए कहा कि यह सरकार न केवल जनहित के मुद्दों पर विफल रही है बल्कि झूठे वादों के सहारे सत्ता में आई थी।
वेतन विवाद पर भी साधा निशाना
जयराम ठाकुर ने कांग्रेस विधायकों पर वेतन विवाद को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा में विधायकों के वेतन निलंबित करने की बात कही थी, लेकिन तीन महीने का वेतन कांग्रेस के विधायक इकट्ठा ले चुके हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सुक्खू सरकार को अब जनता को जवाब देना चाहिए। अगर मुख्यमंत्री में हिम्मत है, तो नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देकर नए सिरे से चुनाव में उतरें।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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