जयपुर, 20 नवंबर (Udaipur Kiran) । सीके बिरला हॉस्पिटल की न्यूरोसर्जरी टीम ने एक ब्रेन ट्यूमर की जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, जिसमें मरीज पूरी सर्जरी के दौरान होश में रहा। यह अवेक क्रैनियोटोमी या अवेक ब्रेन सर्जरी के नाम से जानी जाती है, जिसमें मरीज को होश में रखते हुए ट्यूमर निकाला जाता है।
मरीज को बार-बार मिर्गी के दौरे आते थे, जिसके कारण उनकी आवाज अस्थायी रूप से चली जाती थी। डॉक्टरों ने जांच के बाद पाया कि ब्रेन के स्पीच एरिया में एक ट्यूमर था, जो मरीज की बोलने की क्षमता और शारीरिक गतिविधियों को प्रभावित कर रहा था। यह ट्यूमर इतनी जटिल जगह पर था कि सर्जरी के दौरान गलती होने पर मरीज बोलने में असमर्थ हो सकता था। लकवे का खतरा भी था।
अवेक ब्रेन सर्जरी की प्रक्रिया
सीके बिरला हॉस्पिटल के सीनियर न्यूरो सर्जन डॉ. अमित चक्रबर्ती, डॉ. संजीव सिंह, न्यूरो एनेस्थेटिस्ट डॉ. दीपक नंदवाना और डॉ. अवनी मिश्रा की टीम ने यह सर्जरी की। डॉ. संजीव सिंह ने बताया कि सामान्य ब्रेन ट्यूमर सर्जरी में मरीज को बेहोश किया जाता है, जबकि अवेक ब्रेन सर्जरी में मरीज को होश में रखा जाता है। इस दौरान मरीज की प्रतिक्रिया की निगरानी की जाती है, ताकि सर्जन बिना किसी नुकसान के सटीक स्थान का निर्धारण कर सकें।
सर्जरी के दौरान मरीज से उंगलियां हिलाने और बोलने के लिए कहा गया। मरीज की प्रतिक्रिया के आधार पर टीम ने सर्जरी को सुरक्षित रूप से पूरा किया। जब भी सर्जन गलत हिस्से को छेड़ते थे, मरीज को स्पीच अरेस्ट हो जाता था, जिससे टीम को सही दिशा में सर्जरी करने में मदद मिली।
नवीनतम तकनीकों का उपयोग
यह सर्जरी चार घंटे से ज्यादा समय तक चली, और इसमें हाई एंड माइक्रोस्कोप तथा ट्यूमर फ्लोरेसेंस तकनीक का इस्तेमाल किया गया। इस तकनीक के माध्यम से ब्रेन के प्रभावित क्षेत्र को बारीकी से देखा गया और सटीक तरीके से ट्यूमर को निकाला गया। इस तरह की सर्जरी केवल अनुभवी न्यूरोसर्जिकल टीमों द्वारा ही की जा सकती है। सर्जरी के बाद मरीज ने तेजी से रिकवरी की और तीन दिन के भीतर अस्पताल से छुट्टी मिल गई। डॉक्टरों ने इसे एक बेहतरीन उदाहरण बताया, जिसमें अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञता का उपयोग कर एक जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।
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(Udaipur Kiran)