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सोनीपत, 31 जनवरी (Udaipur Kiran) । सोनीपत
में करनाल की सीएम फ्लाइंग टीम ने जिला बागवानी विभाग कार्यालय पर छापा मारा और विभिन्न
योजनाओं के तहत पात्र लाभार्थियों को दी गई सब्सिडी की जांच की। गुरुवार को जांच में
कई अनियमितताएं सामने आईं, जिसमें पांच लाभार्थी किसानों के हैक अनुसंधान केंद्र, मुरथल
से प्राप्त प्रशिक्षण सर्टिफिकेट फर्जी मिले। मामले में पुलिस को शिकायत दी गई है और
जांच जारी है।
किसानों
को मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण उपरांत सर्टिफिकेट दिए जाते हैं। जांच में पाया
गया कि पांच लाभार्थी किसानों के प्रशिक्षण की पुष्टि नहीं हो सकी। हैक अनुसंधान केंद्र,
मुरथल की 30 जनवरी को भेजी गई रिपोर्ट में केवल नवीन और सुरेन्द्र का 15 से 19 नवंबर,
2022 तक प्रशिक्षण लेना प्रमाणित हुआ, जबकि संदीप कुमार, विकास, भगत सिंह, सुमित और
सतेंद्र के प्रशिक्षण की कोई पुष्टि नहीं हुई।
बागवानी
विभाग को 2024-25 के दौरान अनुसूचित जाति सब प्लान स्कीम के तहत 2500 ट्रे पर अनुदान
राशि देने का लक्ष्य मिला था। अब तक 7 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 700 ट्रे और 7
हट पर सब्सिडी दी गई। पाइपलाइन दबाने की योजना: 2024-25 में 143986 वर्ग मीटर क्षेत्र
पर सब्सिडी देने का लक्ष्य था। अब तक 15 आवेदन स्वीकृत किए गए और 80759 वर्ग मीटर क्षेत्र
पर अनुदान राशि स्वीकृत हो चुकी है। बम्बू स्टेकिंग स्कीम: 2024-25 में 20 हेक्टेयर
क्षेत्र पर सब्सिडी देने का लक्ष्य था। अब तक 40 आवेदन प्राप्त हुए और 19.511 हेक्टेयर
क्षेत्र का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री
उड़नदस्ते ने इन अनियमितताओं की रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी है, जिसके आधार पर आगे
की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, बागवानी विभाग के अंतर्गत मशरूम खेती करने वाले किसानों
के खेतों की भी जांच की जाएगी कि वे वास्तव में खेती कर रहे हैं या नहीं। यह कार्रवाई
विभाग में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए की जा रही है।
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(Udaipur Kiran) शर्मा परवाना
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