-डॉ. स्वामी का आरोप, जनता से सच्चाई छुपाई गई
बारडोली, 25 जनवरी (Udaipur Kiran) । डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के मामले में महत्वपूर्ण बयान दिया है। डॉ. स्वामी ने चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि सुभाषचंद्र बोस के बारे में अमेरिका ने जो कंफर्मेशन दिया था, उसे दबाया गया। नेताजी की मृत्यु के संबंध में हकीकत देश की जनता से छुपाई गई है।
सूरत के बारडोली में शनिवार को रन टू रिमेम्बर्स सुभाष संग्राम मेराथॉन को हरी झंडी दिखाने आए डॉ. स्वामी ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधते हुए कहा कि तत्कालीन सरकार ने सुभाषचंद्र बोस की मृत्यु संबंधी जानकारी देश को नहीं बताई। यह सच्चाई देश के सामने आनी चाहिए। उन्होंने इस संबंध में नरेन्द्र मोदी सरकार को भी पत्र लिखा है।
डॉ. स्वामी ने कहा कि अमेरिका ने कहा था कि उस समय ताइवान के ताइपेई में कोई प्लेन क्रैश नहीं हुआ। इस वजह से सुभाषचंद्र बोस या कोई भी हों, उनकी मृत्यु यहां नहीं हुई। इस सच्चाई को दबा दिया गया। उन्होंने दावा किया कि ताइवान में सुभाषचंद्र बोस की मौत नहीं हुई थी। अमेरिका के इस संबंध में किए गए कंर्फेशन को दबा कर रखा गया।
डॉ. स्वामी के मुताबिक जवाहरलाल नेहरू के निजी सचिव ने बयान दिया था कि `मुझे नेहरू ने 1945 में रात को बुलाकर एक लेटर टाइपिंग करने को कहा था। नेहरू ने सचिव को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को पत्र लिखने को कहा। पत्र में जवाहरलाल नेहरू के हवाले से लिखा गया कि स्टालिन ने नेहरू को पत्र लिखा है कि सुभाषचंद्र बोस अभी जिंदा हैं और उनके कब्जे में हैं। उसका क्या करना है। पत्र में नेहरू की ओर से लिखा गया था कि हम दोनों (ब्रिटेन और भारत) को अब तय करना चाहिए कि सुभाष चंद्र बोस का क्या किया जाए। इस पर ब्रिटेन से जवाब आया कि सुभाषचंद्र बोस हमारा युद्ध का दुश्मन रहा है, जो भी करना चाहते हैं लेकिन उसे छोड़ना नहीं है। बाद में जवाहरलाल नेहरू और ब्रिटेन ने मिलकर स्टालिन को सुभाष के अंत के बारे में कहा। इसके बाद स्टालिन ने सुभाष का अंत किया।’
डॉ. स्वामी का कहना है कि रूस से हमारी सरकार ने कभी इस संबंध में दस्तावेज नहीं मांगे। उनका कहना है कि उन दस्तावेजों को मंगवा कर जांच करनी चाहिए। नेताजी के बारे में जो भी बात हो रही है, वह सच्ची है या नहीं इसकी जांच जरूरी है। स्वामी ने कहा कि वे इस मामले में डिबेट को तैयार हैं। वे बता सकते हैं कि कहां दस्तावेज है, उसे बाहर निकालकर सार्वजनिक करना चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय