Uttar Pradesh

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्रों का आमरण अनशन समाप्त

छात्रों का अनशन  समाप्त

लिखित निर्णय तक धरना जारी रखने का निर्णय

वाराणसी, 25 मार्च (Udaipur Kiran) । काशी हिंदू विश्वविद्यालय के केंद्रीय कार्यालय के मुख्य द्वार पर शोध प्रवेश में अनियमितताओं के खिलाफ छात्रों ने आमरण अनशन साेमवार की रात समाप्त हाे गया। हालांकि, छात्रों ने लिखित निर्णय मिलने तक धरना जारी रखने की बात कही है। इससे पहले, छात्रों ने मुख्य द्वार काे बंद कर कुलपति और परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रतीकात्मक रूप से उनके पुतले भी जलाए।

सामाजिक विज्ञान संकाय के सामाजिक समावेशन नीति अध्ययन केंद्र में शोध प्रवेश को लेकर यह विवाद शुरू हुआ है। यहां सोशल इनक्लूजन और सबाल्टर्न स्टडीज मुख्य विषय थे, जिनमें छात्रों ने एमफिल पूरा किया था। विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार, सबाल्टर्न विषय से पीएचडी में रेट एग्जेम्प्टेड कैटेगरी और मेन डिसिप्लिन वाले छात्रों को सीधे इंटरव्यू का अवसर मिलना था। छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने नियमों का उल्लंघन करते हुए इस सीट पर अन्य एलाइड विषयों (संबंधित विषयों) के आवेदकों को भी इंटरव्यू का मौका दे दिया। इस गड़बड़ी को लेकर छात्रों ने पहले विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र सौंपकर निष्पक्षता की मांग की थी, लेकिन कोई जवाब न मिलने पर उन्होंने आमरण अनशन शुरू कर दिया।

दबाव में बनी जांच समिति

छात्रों के लगातार विरोध और भूख हड़ताल के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बना। प्रकरण की निष्पक्ष जांच के लिए प्रोफेसर राजाराम शुक्ल की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई, जिसमें सभी तथ्यों की समीक्षा करने का निर्णय लिया गया। छह दिनों तक चले अनशन के बाद कमेटी की बैठक आयोजित हुई। इसमें प्रो. राजाराम शुक्ल, छात्र अधिष्ठाता, चीफ प्रॉक्टर और अन्य विश्वविद्यालय अधिकारी मौजूद रहे।

बैठक के बाद प्रोफेसर शुक्ल धरना स्थल पहुंचे और आमरण अनशन पर बैठे छात्र सत्यनारायण को मौखिक रूप से निर्णय सुनाया। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन प्रवेश प्रक्रिया में हुई गड़बड़ियों को सुधारने और छात्रों को न्याय दिलाने की बात कहीं। इसके बाद छात्रों को जूस पिलाकर आमरण अनशन समाप्त कराया गया। मौखिक आश्वासन मिलने के बाद छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई और उन्होंने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर अपनी खुशी जाहिर की। हालांकि, छात्रों ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक उन्हें लिखित निर्णय नहीं मिल जाता, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। इस दाैरान पल्लव, सत्यनारायण, अभय, ध्रुव, व्योम, सत्यम, सर्वेश, कृष्ण, द्रव्यांश आदि छात्र शामिल हैं।

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(Udaipur Kiran)

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