कानपुर, 24 दिसंबर (Udaipur Kiran) । एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आने वाले भविष्य में बहुत ही उपयोगी और कारगर साबित हो सकता है। यही नहीं इसके जरिये कई तरह के जटिल से जटिल डिजिटल कार्यों को मिनटों में पूरा किया जा सकता है। ये तकनीक छात्रों के लिए काफी लाभकारी साबित हो सकती है। इससे जुड़ी हर छोटी बड़ी बारीकियों को करीब से जानने और समझने के लिए सीएसजेएमयू में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जहां पर छात्रों ने एआई की महत्ता को जाना।
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) में इनोवेशन फाउंडेशन की ओर से आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। 23 एवं 24 दिसंबर को आयोजित हुए इस कार्यशाला ने शिक्षा के क्षेत्र में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (एआई) की परिवर्तनकारी भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया। इस कार्यशाला में डॉ. वीरेंद्र स्वरूप प्रोफेशनल स्टडीज संस्थान के 50 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। विशेषज्ञ शैलेंद्र यादव ने कहा कि आने वाला समय एआई का है। इनोवेशन में एआई के माध्यम से स्टूडेंट्स अपना भविष्य संवार सकते हैं। आगे उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम शैक्षिक ढांचों में उन्नत प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नवाचार अधिकारी अनिल कुमार त्रिपाठी ने कहा कि यदि छात्र अभी से ही इस तकनीक को और भी ज्यादा गहराइयों से जानने की कोशिश करेंगे तो भविष्य में उन्हें इस तकनीक का काफी लाभ मिलेगा, जो छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करता है। कार्यशाला में सहायक प्रोफेसर डॉ. अंशु सिंह, तकनीकी सलाहकार जतिन मिश्रा, आईबीएम और यूनेस्को में सलाहकार सौरभ अग्रवाल आदि द्वारा व्यापक व्याख्यान और व्यावहारिक प्रस्तुति दी गई।
(Udaipur Kiran) / Rohit Kashyap