
कानपुर, 13 फरवरी (Udaipur Kiran) । हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू) में गुरुवार को सैकड़ों छात्रों ने कुलपति दफ्तर का घेराव करते हुए जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि 75 फीसदी से कम उपस्थिति होने पर बिना किसी जानकारी या नोटिस दिए मिड एग्जाम देने से साजिशन रोका गया है। पंद्रह अंकों की होने वाली इस परीक्षा का उनके भविष्य पर काफी गहरा असर पड़ेगा। कई घण्टे हंगामा चलने के बावजूद कोई निष्कर्ष नहीं निकला।
एचबीटीयू से बीबीए, बीटेक औए एमबीए समेत अन्य तमाम पाठ्यक्रमों में पढ़ाई कर रहे छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। छात्रों ने बताया कि मिड एग्जाम से ठीक पहले 75 फीसदी से कम उपस्थिति होने और तानाशाही रवैया अपनाते हुए परीक्षा में बैठने नहीं दिया जा रहा है। इस वजह से पचास फीसदी से ज्यादा छात्रों का भविष्य खतरे में है। बार-बार उपस्थिति का हवाला देने वाला विवि प्रशासन छात्रों की अटेंडेंस ऑनलाइन पोर्टल पर न चढ़ाकर उसे एक सादे कागज पर लिख लेते थे। ताकि बाद में उसे अपनी मर्जी से घटाया-बढ़ाया जा सके, इसलिए छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करते हुए ऑनलाइन अटेंडेंस की व्यवस्था करी जाए। ताकि किसी भी तरह का पक्षपात ना हो सके।
वहीं मामले को लेकर विवि की रजिस्ट्रार अंजू वर्मा ने बताया कि विवि में सौ प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है लेकिन छात्रों को राहत देते हुए इसे घटाकर 75 फ़ीसदी उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। मिड एग्जाम मात्र 15 प्रतिशत अंकों का होता है और इसका उनके भविष्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है जिससे कि उनकी उपस्थिति में सुधार हो सके और विश्वविद्यालय का परीक्षाफल और प्लेसमेंट भी बेहतर हो सके। हालांकि कई घंटे चले इस प्रदर्शन के बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला। छात्रों का कहना है कि जब तक उन्हें एग्जाम में बैठने नहीं दिया जाएगा उनका प्रदर्शन निरंतर जारी रहेगा।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
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