Uttar Pradesh

संघर्ष, संकल्प और सफलता: अमन उपाध्याय की प्रेरणादायक कहानी

फाइल फोटो अमन उपाध्याय।

मीरजापुर, 20 मार्च (Udaipur Kiran) । कहते हैं कि अगर हौसले बुलंद हों और इरादे मजबूत, तो किसी भी मंजिल को हासिल किया जा सकता है। इसे सच कर दिखाया है लालगंज के अमन उपाध्याय ने, जिन्होंने संघर्ष और स्वाध्याय के बल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क निरीक्षक का पद प्राप्त कर सफलता की अनोखी मिसाल कायम की है।

आज जब प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग संस्थानों की भीड़ बढ़ती जा रही है, अमन ने अपनी मेहनत, आत्मविश्वास और सही रणनीति से यह साबित कर दिया कि सच्ची लगन और समर्पण के साथ बिना कोचिंग के भी सफलता प्राप्त की जा सकती है।

अमन ने संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा 2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड, वित्त मंत्रालय में केंद्रीय उत्पाद शुल्क निरीक्षक के रूप में चयन पाया है। उनकी इस उपलब्धि ने लालगंज ही नहीं, पूरे क्षेत्र को गर्व से भर दिया है।

अमन उपाध्याय लालगंज के पूर्व प्रधान स्व. श्रीकृष्ण प्रसाद उपाध्याय के नाती हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा लालगंज में हुई, जिसके बाद उन्होंने वाराणसी में उच्च शिक्षा प्राप्त की। कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने बिना किसी कोचिंग के स्वअध्ययन के माध्यम से यह सफलता अर्जित की।

अमन बताते हैं कि उनकी सफलता के पीछे उचित पुस्तकों का चयन, निरंतर अभ्यास और आत्मअनुशासन सबसे महत्वपूर्ण रहे। उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए खुद ही सही अध्ययन सामग्री चुनी और नियमित रूप से कठिन अभ्यास किया। अमन की उपलब्धि से पूरा क्षेत्र उत्साहित है। विजयपुर मान माधव इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य रामराज त्रिपाठी ने कहा किए

प्रतिभा को किसी सहारे की जरूरत नहीं होती, बस सही दिशा और मार्गदर्शन आवश्यक होता है। अमन ने यह साबित कर दिया कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता हरिशंकर मिश्र ने कहा कि अमन की सफलता यह दर्शाती है कि क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था मजबूत हो रही है और स्थानीय प्रतिभाएं बिना कोचिंग के भी राष्ट्रीय स्तर पर सफलता अर्जित कर सकती हैं।

प्रधानाचार्य डॉ. धर्मजीत सिंह का मानना है कि विद्यालयी शिक्षा ही संपूर्ण ज्ञान का आधार है और सही दिशा में प्रयास किए जाएं तो कोई भी सफलता हासिल कर सकता है।

नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बने अमन

अमन की सफलता उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा है जो स्वाध्याय के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हूबलाल दुबे और भाजपा की पूर्व जिला अध्यक्ष बालेंदु मणि त्रिपाठी ने भी इस उपलब्धि को क्षेत्र में बढ़ती शिक्षा की गुणवत्ता और प्रतियोगिता में छात्रों की बढ़ती भागीदारी का प्रमाण बताया।

संघर्ष से सीखें, सफलता के नए आयाम गढ़ें

अमन उपाध्याय की कहानी यह संदेश देती है कि सफलता किसी को आसानी से नहीं मिलती, लेकिन जो मेहनत और आत्मनिर्भरता को अपना हथियार बनाते हैं, वे अपनी मंजिल जरूर पाते हैं। उनकी यह उपलब्धि क्षेत्र के अन्य युवाओं के लिए एक प्रेरणास्राेत है और यह साबित करती है कि सच्ची लगन और आत्मविश्वास के साथ किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। अमन की सफलता पर पूरा क्षेत्र गर्व महसूस कर रहा है और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए सभी शुभकामनाएं दे रहे हैं।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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