RAJASTHAN

सांसदों को अंदर जाने से रोकना एक साजिश, दुनिया में बदनामी हुई : गहलाेत

पूर्व सीएम अशोक गहलोत

जयपुर, 20 दिसंबर (Udaipur Kiran) । संसद परिसर में गुरुवार सुबह पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की के बाद ओडिशा के बालासोर से भारतीय जनता पार्टी सांसद प्रताप सारंगी के चोटिल होने के मामले ने तूल पकड़ लिया है।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मुद्दे पर भाजपा पर निशाना साधते हुए इसकी पूरी जांच की मांग की है।

इस मामले पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक्स पर लिखा कि आज सत्ताधारी पार्टी भाजपा के सांसदों ने राज्यसभा और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं अन्य सांसदों को संसद में जाने से रोका और उनसे धक्कामुक्की कर चोट पहुंचाने का प्रयास किया जो बेहद निंदनीय है। ऐसा पहली बार देखा गया है कि एक पार्टी के सांसद ही दूसरी पार्टी के सांसदों को सदन में प्रवेश करने से रोक रहे हैं। सदन में सांसदों का हमेशा ससम्मान प्रवेश होता आया है।

यह भी आश्चर्यजनक है कि संसद के सुरक्षाकर्मियों ने इस दौरान कोई हस्तक्षेप नहीं किया जिससे लगता है कि यह अमित शाह द्वारा बाबासाहेब अम्बेडकर के अपमान के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा की कोई साजिश थी।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस घटना की जांच की लोकसभा स्पीकर से मांग की है। यह लोकसभा स्पीकर की जिम्मेदारी है कि सभी सांसद सदन में ससम्मान प्रवेश कर सकें। लोकसभा स्पीकर को इस घटना की जल्द से जल्द जांच कर दोषी भाजपा सांसदों पर कार्रवाई करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आज की घटना अकल्पनीय है और इससे पूरी दुनिया के सामने देश की बदनामी होगी। सांसदों को संसद के अंदर जाने से रोकना एक साजिश थी। यह बिना किसी पूर्व नियोजित साजिश के संभव नहीं है। यह पहली बार है कि इंडिया और एनडीए के दोनों गुट एक दूसरे से भिड़ गए और सुरक्षाकर्मियों ने हस्तक्षेप तक नहीं किया। स्पीकर को इस मामले की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए। वे भाजपा सांसद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे, वे दबाव में हैं। स्पीकर को इस मामले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्हाेंने लिखा कि इतिहास में ऐसा पहली बार देखा गया है कि सत्ताधारी सांसद बाहुबल के दम पर विपक्षी सांसदों को सदन में प्रवेश करने से रोका हो और दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्ष के साथ धक्का-मुक्की कर उन्हें चोट पहुंचाने का प्रयास किया हो।

इसके बावजूद भाजपा पूरी बेशर्मी के साथ राहुल गांधी पर आरोप लगा रही है। सब जानते हैं कि राहुल गांधी की सोच, व्यवहार एवं चिंतन सच्चाई की राह पर चलकर मानवमात्र की सेवा करने का है। अहिंसा, प्यार, मोहब्बत एवं भाईचारा के साथ जनसेवा करना उनकी प्रतिबद्धता में शामिल है। अन्यथा ऐसे ही कोई 4,000 किलोमीटर की यात्रा नहीं कर सकता।

गांधी परिवार का अंहिसा में इतना विश्वास है कि राजीव गांधी के हत्यारों के मृत्युदंड को भी माफ कर दिया था। राहुल गांधी पर सुबह आरोप लगाए गए और शाम को एफआईआर दर्ज कर ली गई जो दिखाता है ये साजिश के तहत किया गया।

हमारे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी एवं अन्य सांसदों के साथ भाजपा सांसदों ने जो बदसलूकी और धक्का-मुक्की की उसका कोई जिक्र ही मीडिया में नहीं है। कल से आज तक इस घटना के सीसीटीवी फुटेज क्यों जारी नहीं किए गए? कहीं ऐसा तो नहीं कि इन फुटेज से भाजपा की सहूलियत के मुताबिक छेड़छाड़ कर जारी किया जाएगा?

यह बहुत बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है जिसमें सरकार, अधिकारी एवं मीडिया मिलकर राहुल गांधी के खिलाफ दुष्प्रचार करने में जुटे हैं। परन्तु देश की जनता राहुल गांधी को पहचानती है इसलिए इस दुष्प्रचार का कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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