कठुआ, 07 सितंबर (Udaipur Kiran) । मत्स्य विभाग द्वारा हर वर्ष रणजीत सागर बांध के भंडारण के लिए बीज भंडारण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इसी कार्यक्रम के तहत शनिवार को विभाग के संयुक्त निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में बीज भंडारण कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें 2.5 लाख फ्राई कार्प मछली बीज का स्टॉक करके स्टॉकिंग कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
गौरतलब हो कि प्राकृतिक जल संसाधनों के संरक्षण का सबसे अच्छा तरीका मछली के बीज की गुणवत्ता, रोग प्रतिरोधी किस्म का भंडारण करना है। इसलिए विभाग अवैध मछली पकड़ने पर अंकुश लगाने के लिए निगरानी और सुरक्षा के अलावा प्रमुख विधि के रूप में मछली बीज संवर्धन के माध्यम से संरक्षण उपायों को अपना रहा है। मत्स्य विभाग अधिकारी ने बताया कि यह स्टॉकिंग की शुरुआत है और भविष्य में भी यही स्टॉकिंग ऑपरेशन बैचों में किया जाएगा। विभाग द्वारा स्थापित निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में बीज उत्पादक फार्मों, मछली पालन इकाइयों, हैचरी और फार्मों के आकार में मछली उत्पादन सुविधाओं के रूप में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा मौजूद है। उन्होंने बताया कि विभाग के प्रयासों से ही यूटी का मछली उत्पादन लगभग 28 हजार टन तक पहुंच गया है। विभाग विभिन्न मछली प्रजातियों के प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले बायोमास के निर्वाह का ख्याल रखता है जो प्राकृतिक जल निकायों के साथ-साथ कैप्टिव पालन दोनों में व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। नदियों, बांधों, जलाशयों, जील्स, सरस और अन्य बड़े और छोटे जल निकायों सहित प्राकृतिक जल संसाधनों से मछली पकड़ने के काम से लगभग 28000 महागर परिवार जुड़े हुए हैं। विभाग के लिए इन जल निकायों की देखभाल करना अनिवार्य है ताकि मछली बायोमास का सम्मान किया जा सके जो आजीविका के लिए प्रत्यक्ष साधन के रूप में कार्य करता है।
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया