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‘दिल्ली में शादियों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन के आदेश को लागू करने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था तत्काल शुरू करने के लिए कदम उठाए दिल्ली सरकार’

Delhi High Court File Photo

नई दिल्ली, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वो दिल्ली में शादियों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन के आदेश को लागू करने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था तत्काल शुरू करने के लिए कदम उठाए। कोर्ट ने कहा कि इस व्यवस्था में मुस्लिम और ईसाई समुदाय से जुड़े लोगों की शादियों का रजिस्ट्रेशन भी ऑनलाइन तरीके से किया जाए। जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने ये आदेश जारी किया।

हाई कोर्ट ने कहा कि शादियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों के लिए प्रक्रिया आसान हो जाएगी। हाई कोर्ट ने कहा कि पहले की सुनवाई के दौरान प्रशासन की ओर से आश्वासन देने के बावजूद शादियों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन के लिए न तो ऑनलाइन व्यवस्था बनी और न ही ऑफलाइन व्यवस्था बनी। खासकर मुस्लिम और ईसाई पर्सनल कानूनों के तहत शादियों का रजिस्ट्रेशन कराने वालों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ये मामला 2021 से खिंचा चला आ रहा है।

शादियों का रजिस्ट्रेशन नहीं होने की वजह से लोगों को वीजा मिलने में दिक्कत हो रही है। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के आईटी और मैरिज ब्रांच को निर्देश दिया कि वे इन शादियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया तत्काल शुरू करने के लिए कदम उठाएं। दरअसल, एक मुस्लिम जोड़ा को विदेश जाने के लिए वीजा चाहिए था। वीजा के लिए उनकी शादी का सर्टिफिकेट मांगा जा रहा था। इस मुस्लिम जोड़े की शादी 1995 में हुई थी लेकिन प्रशासन ने उन्हें स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी का रजिस्ट्रेशन करने का सुझाव दिया। स्पेशल मैरिज एक्ट शादियों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन संबंधी आदेश में मुस्लिम शादियों के प्रावधान को नजरअंदाज कर रहा था। इसके बाद जोड़े ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा / आकाश कुमार राय

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