—बरेका कारखाने के पूर्वी गेट के पास स्थापित की गई
वाराणसी, 25 सितम्बर (Udaipur Kiran) । स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े में बुधवार को बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) में वेस्ट ऑफ आर्ट पहल के तहत एक अनूठी मूर्ति का अनावरण किया गया। काशी बुद्धिजीवियों की नगरी रही है यह कार्य अर्घ्य अमूर्त कार्य के माध्यम से चर्चा और बौद्धिक विचारों को साझा करने की परंपरा को दर्शाता है। यह मूर्ति लोहे के स्क्रैप से बनाई गई है। और इसे बरेका कारखाने के पूर्वी गेट के पास स्थापित किया गया।
महाप्रबंधक एस. के. श्रीवास्तव ने इस कला के अद्भुत नमूने का अनावरण किया। इस अवसर पर महाप्रबंधक ने कहा कि बरेका में निर्मित यह मूर्ति न केवल कला और रचनात्मकता का प्रतीक है, बल्कि यह स्वच्छता के प्रति बरेका की प्रतिबद्धता और अपशिष्ट प्रबंधन के महत्व को भी दर्शाती है। वेस्ट ऑफ आर्ट के तहत लोहे के स्क्रैप को रीसायकल कर इस प्रकार की मूर्तियों का निर्माण पर्यावरण संरक्षण और संसाधनों के पुन: उपयोग का एक बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने इस मूर्ति के निर्माण में शामिल अधिकारियों, कर्मचारियों और कलाकारों की सराहना की। और इसे स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरणादायक बताया।
उन्होंने कहा कि यह मूर्ति न केवल कारखाने के सौंदर्य में वृद्धि करेगी, बल्कि बरेका के सभी कर्मचारियों और आगंतुकों के लिए एक संदेश भी देगी कि स्वच्छता, रीसाइक्लिंग और संसाधनों का समुचित उपयोग एक स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण है। मूर्ति अनावरण के मौके पर प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर सुब्रत नाथ, प्रधान वित्तीय सलाहकार नीरज वर्मा, प्रमुख मुख्य इंजीनियर विनोद कुमार शुक्ला, प्रमुख मुख्य चिकित्सा अधिकारी देवेश कुमार, मुख्य यांत्रिक इंजीनियर, उत्पादन सुनील कुमार, मुख्य संरक्षा अधिकारी आदि भी मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी