RAJASTHAN

सुगम निर्वाचन के लिए राज्य स्तरीय संचालन समिति

अविचल

जयपुर, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । निर्वाचन विभाग राजस्थान में दिव्यांगजनों की चुनाव में भागीदारी को अधिक सुगम बनाने के लिए विशेष प्रयासों के तहत मतदाता सूचियों में पंजीकरण बढ़ाने, सूचियों में उनकी दिव्यांगता की सूचना दर्ज करने (फ्लैगिंग) तथा मतदाता पहचान-पत्र जारी करने सहित मतदान केंद्रों पर विशेष सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए थर्ड पार्टी ऑडिट जैसे प्रभावी कदम उठाएगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने शुक्रवार को विभाग की सुलभ निर्वाचन के लिए राज्य स्तरीय संचालन समिति की बैठक में अधिकारियों को इस विषय में सूचना तकनीक (आईटी) के उपयोग सहित अन्य आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

महाजन ने कहा कि विशेष आवश्यकता वाले दिव्यांग नागरिकों के लिए निर्वाचन विभाग को अधिक संवेदनशील होकर उनको चुनाव में भागीदारी के अधिकतम अवसर उपलब्ध कराने होंगे।

इस संदर्भ में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय कर जारी दिशा-निर्देशों की समुचित पालना की जाए। इसके लिए शिक्षा, उच्च शिक्षा, पंचायती राज, सामाजिक न्याय आदि विभागों के साथ समन्वय कर आयोग के निर्देशों की पालना में की गई कार्यवाही पर जानकारी प्राप्त कर जरूरी सुविधाओं और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

‘स्वावलंबन’ पोर्टल में दर्ज डाटा के आधार पर होम वोटिंग

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि दिव्यांग मतदाताओं की पहचान के लिए भारत सरकार के ‘स्वावलंबन’ पोर्टल में दर्ज डाटा के आधार पर होम वोटिंग की सुविधा के लिए बेंचमार्क 40% दिव्यांगता की जानकारी मतदाता सूचियों में दर्ज की जाए. इससे होम वोटिंग के पात्र दिव्यांगजनों को विकल्प देना आसान हो सकेगा। दिव्यांगता पेंशनधारकों की सूचियों से भी दिव्यांग जनों और दिव्यांगता प्रतिशतता की जानकारी का मिलान किया जाए।

शिक्षण संस्थाओं के आवेदनों में दर्ज आंकड़ों का उपयोग

महाजन ने दिव्यांगजनों के लिए संचालित विशेष विद्यालयों सहित सामान्य विद्यालयों में पढ़ रहे दिव्यांग विद्यार्थियों की सूचियां शिक्षा विभाग से प्राप्त कर 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वालों का मतदाता सूचियों में पंजीकरण करवाने के निर्देश दिए। इस कार्य के शिक्षा विभाग के शाला दर्पण और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शिविरों में जुटाए गए आंकड़ों का भी उपयोग किया जा सकता है।

इसी प्रकार, उच्च शिक्षा की संस्थाओं, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों आदि, में विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए आवेदन-पत्रों में दर्ज ‘पंजीकृत मतदाता है’ या ‘नहीं’ होने की जानकारी के आंकड़े संकलित कर उनके आधार पर मतदाता सूचियों को अपडेट किया जाए और स्थानीय बीएलओ से जानकारी साझा कर यथोचित कार्यवाही की जाए।

विशेष शिक्षकों और संस्थाओं की मदद से इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि विशेष शिक्षकों और शिक्षण संस्थाओं के सहयोग से इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब (ईएलसी) के जरिए दिव्यांग नव-मतदाताओं को मतदान सहित अन्य चुनावी प्रक्रियाओं में भागीदार होने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।

ऐसे मतदाताओं को यह जानकारी भी दी जाए कि मतदाता सूची में नाम दर्ज होने के बाद एपिक कार्ड नहीं होने पर भी 12 वैकल्पिक दस्तावेजों में से एक के आधार पर मतदान किया जा सकता है। इस कार्य में सामाजिक नये एवं अधिकारिता विभाग के जिला और ब्लॉक स्तर के अधिकारियों के साथ-साथ दिव्यांग लोगों के कल्याण के लिए काम करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जानी चाहिए।

दिव्यांगों के लिए सुविधाओं का थर्ड पार्टी से मौके पर भौतिक सत्यापन

महाजन ने कहा कि आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप निर्वाचन विभाग यह भी प्रयास करेगा कि विशेष योग्यजनों के लिए व्हील चेयर, रैम्प, टॉयलेट आदि मूलभूत सुविधाएं प्रत्येक मतदान केंद्र पर उपलब्ध हों। उन्होंने इसके लिए इन सुविधाओं से विहीन केंद्रों की सूची जल्द अपडेट करने के निर्देश दिए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि इस विषय पर पूरी प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता से काम किया जाए। साथ ही, उन्होंने जिन मतदान केंद्रों पर दिव्यांगों के लिए रैम्प आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, वहां पर इनकी उपलब्धता और गुणवत्ता की तीसरे स्वतंत्र पक्ष (थर्ड पार्टी) से मौके पर भौतिक सत्यापन करवाने के भी निर्देश दिए।

बैठक में शिक्षा विभाग के आयुक्त अविचल चतुर्वेदी सहित निर्वाचन पंचायती राज, उच्च शिक्षा, चिकित्सा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभागों और विशेष योग्यजन निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी तथा दिव्यांग अधिकार महासंघ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) / इंदु

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