
शिमला, 06 जून (Udaipur Kiran) । राज्य स्तरीय 9वीं मेगा मॉक ड्रिल के अंतर्गत जिला शिमला के सभी उपमंडलों में शुक्रवार काे विभिन्न प्रकार की आपदाओं से निपटने की तैयारियों को परखने के उद्देश्य से मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास में विभिन्न विभागों, सुरक्षाबलों, बचाव दलों एवं आम जनता की सहभागिता देखी गई।
शहरी क्षेत्र में आग और भवन ढहने की स्थिति का अभ्यास
शिमला शहरी उपमंडल में विकासनगर स्थित पेट्रोल पंप में आग लगने की काल्पनिक घटना पर मॉक ड्रिल की गई, जिसमें दो लोगों को बचाया गया, जबकि एक व्यक्ति की मौत दर्शाई गई। वहीं पोर्टमोर स्कूल में भवन गिरने की स्थिति में 35 लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
सुन्नी में बाढ़ से तबाही का अभ्यास
कालीघाट (सुन्नी) में बाढ़ की काल्पनिक स्थिति में 7 पक्के मकानों को आंशिक और 5 कच्चे मकानों को पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त दर्शाया गया। इस दौरान 28 लोग घायल और 4 की मृत्यु हुई।
ठियोग, कोटखाई और डोडरा क्वार में भूस्खलन के हालात का अभ्यास
ठियोग के छैदला में भूस्खलन के चलते 2 पक्के मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए। मॉक ड्रिल में 32 लोगों को बचाया गया और 7 की मृत्यु बताई गई। कोटखाई बस अड्डा में मॉक ड्रिल के दौरान भूस्खलन से क्षति की स्थिति में 4 बसों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया। डोडरा क्वार में स्कूल भवन पर भूस्खलन की स्थिति में 25 छात्रों और 5 अध्यापकों को रेस्क्यू किया गया।
चौपाल और कुपवी में भी किया गया अभ्यास
चौपाल में भूस्खलन के चलते स्कूल भवन क्षतिग्रस्त हुआ। 6 लोगों को अस्पताल भेजा गया, जबकि 2 लोगों की मौत हुई। कुपवी के सलाह में हुए मॉक अभ्यास में 250 लोगों को बचाया गया, जबकि 11 लोगों की मृत्यु और 18 मवेशियों के मरने की सूचना मॉक स्थिति में दर्शाई गई।
कुमारसैन और जुब्बल में रेस्क्यू अभ्यास
कुमारसैन उपमंडल के नोग कैंची में भूस्खलन के कारण आईटीआई भवन प्रभावित हुआ। इस दौरान 55 छात्र व अध्यापक रेस्क्यू किए गए। जुब्बल में भारी वर्षा के बाद भूस्खलन की मॉक स्थिति में 100 लोगों के फंसे होने का अनुमान जताया गया, जिनमें से 16 को घायल अवस्था में निकाला गया, जिनमें 9 गंभीर रूप से घायल थे। सभी का उचित उपचार किया गया। मौके पर तहसीलदार ने राहत कार्यों की निगरानी की।
रामपुर में भूकंप के बाद आई बाढ़ की स्थिति का अभ्यास
रामपुर के समीप सतलुज नदी में आई अचानक बाढ़ के परिदृश्य में 24 लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। इनमें से 7 को उपचार के लिए रेफर, 1 को मृत घोषित किया गया और 16 को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दी गई।
आपदा प्रबंधन बलों की सहभागिता
इस मेगा मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ, आईटीबीपी, पुलिस, अग्निशमन, स्वास्थ्य, राजस्व और अन्य विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। इस अभ्यास के माध्यम से बाढ़, भूस्खलन, आगजनी, भवन ध्वस्त होने जैसी आपदाओं से निपटने की रणनीतियों और तालमेल को परखा गया।
साथ ही आम जनता को भी जागरूक किया गया कि आपदा की स्थिति में सही समय पर कैसे प्रतिक्रिया दी जाए और जीवन रक्षा के लिए क्या उपाय अपनाए जाएं।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
