-अस्पताल में उपचार से पूर्व और इलाज के बाद मरीज से भी लिया जाएगा फीडबैक, लापरवाही पर भुगतने होंगे परिणाम
देहरादून, 22 सितंबर (Udaipur Kiran) । राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से संचालित आयुष्मान योजना में फ्रॉड करने वाले अस्पतालों पर अब नकेल पड़ जाएगी। इस मसले पर प्राधिकरण के चेयरमैन अरविंद सिंह ह्यांकी ने स्टेट एंटी फ्राड यूनिट को सक्रिय रहने के सख्त निर्देश जारी किए हैं।
गत दिवस हुई समीक्षा बैठक में प्राधिकरण के चेयरमैन अरविंद सिंह ह्यांकी ने स्टेट एंटी फ्राड यूनिट को सतर्क रहने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने ऑडिट को और अधिक सावधानीपूर्वक व गुणवत्ता के साथ करने के निर्देश दिए। विशेष आडिट में आयुष्मान के अंतर्गत इलाज लेने के पूर्व और बाद में लाभार्थी ऑडिट आयोजित करने के निर्देश दिए।
जो दावे टीम की ओर से अस्वीकृत किए गए हैं विशेष रूप से अस्पताल की मौद्रिक मांगों के संबंध में लाभार्थियों से फीडबैक एकत्र करेगी। अस्पतालों में लाभार्थियों को कैशलेस व बेहतर उपचार मिल रहा है इसकी भी समय समय पर जांच की जाएगी।
अस्पतालों को अब लाभार्थियों के विवरण में आने वाली विसंगतियों से बचने के लिए सभी अस्पतालों को घोषणा पत्र पर लाभार्थी की विस्तृत जानकारी सही-सही भर कर देने होगी। उन्होंने कॉल सेंटर कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने की जरूरत पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि इससे त्वरित जांच में आसानी होगी। जांच में यदि धोखाधड़ी का पता चलता है, तो संबंधित अस्तपाल के खिलाफ राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से जारी दिशानिर्देशों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
निदेशक मेडिकल क्वालिटी डॉ विनोद टोलिया ने बताया कि जारी निर्देशों के अनुरूप कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। जांच टीमों को और अधिक सर्तक और सक्रिय रहने को कहा गया है।
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(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार