जयपुर, 22 जुलाई (Udaipur Kiran) । उद्योग मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि नियमों में सुधार करते हुए राज्य सरकार द्वारा रीको के लिए नई नीति लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्रों में बंद पड़ी इकाइयों के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार रीको को नहीं है।
उद्योग मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र कठूमर के ग्राम सौंखरी में औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने आश्वस्त किया कि भूमि आवंटन के पश्चात् यहां मांग के आधार पर औद्योगिक क्षेत्र का विकास किया जाएगा। राठौड़ ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 में विधानसभा क्षेत्र कठूमर के खेड़ली में औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना की घोषणा की गई थी। इसके लिए खेड़ली के ग्राम सौंखरी में भूमि चिह्नित की गई, जिसमें कुछ आपत्ति सामने आई। वर्तमान सरकार द्वारा इस चिह्नित भूमि के संबंध में विस्तृत सर्वे के लिए एनसीआर को लिखा गया। उनके द्वारा जानकारी दी गई कि यह भूमि रीजनल प्लान 2021 के अन्तर्गत एग्रीकल्चर रूरल जोन आउटसाइड कन्ट्रोल डवलेपमेंट एरिया में आती है।
उन्होंने बताया कि खेडली में हिण्डौन रोड पर एक और औद्यौगिक क्षेत्र वर्ष 1979 में बना था। वर्ष 1985 में इसे औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया गया था। उन्होंने जानकारी दी कि यहां 27 औद्योगिक भूखण्डों में से 17 इकाइयों को भूखण्ड आवंटित किये गए तथा 2 भूखण्ड बीएसएऩएल को आवंटित किये गये। यहां अधिकरतर ऑइल प्रोसेसिंग तथा पत्थर से संबंधित इकाइयां संचालित थी, लेकिन वर्तमान में इनमें से कई इकाइयां यहां बंद हो चुकी हैं। उन्होंने जानकारी दी कि किसी भी इकाई द्वारा उत्पादन बंद कर देने की स्थिति में उस इकाई पर रीको द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। उन्होंने आश्वस्त किया कि इस संबंध में नियमों में बदलाव किये जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा रीको के लिए नई पॉलिसी लाई जा रही है।
इससे पहले विधायक रमेश खींची के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उद्योग मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बजट घोषणा वर्ष 2021-22 (सामान्य वाद विवाद) के बिन्दु संख्या 30 में अलवर जिले के खेडली (कठूमर) में औद्यौगिक क्षेत्र की स्थापना की घोषणा की गई थी। इस के लिए ग्राम रूंध सौंखरी में 25.30 हैक्टेयर भूमि चिह्नित की गई है। उन्होंने बताया कि खेडली में हिण्डौन रोड पर औद्यौगिक क्षेत्र वर्ष 1979 में स्थापित किया गया था। औद्यौगिक क्षेत्र खेडली में उद्योगों की स्थापना हेतु 25 औद्यौगिक भूखण्ड 17 इकाइयों को आवंटित किये गये है। उन्होंने आवंटित इकाइयों की सूची तथा आवंटन के नियम व शर्तों के संबंध में आवंटन पत्र की प्रति सदन के पटल पर रखी।
राठौड़ ने कहा कि आवंटित भूखण्डों पर नियत/विस्तारित अवधि में उद्योग प्रारम्भ नहीं किये जाने की स्थिति में ऐसे भूखण्डों को निरस्त करने की नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। इस औद्यौगिक क्षेत्र में आवंटित 25 औद्यौगिक भूखण्डों में स्थापित 17 इकाइयों का नियमानुसार उत्पादन सत्यापन किया जा चुका था। वर्तमान में इनमें से 08 औद्यौगिक इकाइयां बन्द हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे भूखण्ड जिन पर पूर्व में उद्योग स्थापित हो गया था परन्तु वर्तमान में बन्द है ऐसे आवंटित भूखण्डों के विरूद्व कार्यवाही किये जाने का रीको के वर्तमान नियमों में प्रावधान नहीं है।
(Udaipur Kiran) / संदीप