Uttar Pradesh

वर्ष 2024-25 में छात्रावासों पर राज्य सरकार ने 41.42 करोड़ रुपये खर्च किए

सांकेतिक फाेटाे

लखनऊ, 14 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राज्य सरकार अनुसूचित जाति (एससी) के छात्रों के शैक्षिक उत्थान के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। सरकार द्वारा संचालित 264 निःशुल्क छात्रावास अनुसूचित जाति के बालक-बालिकाओं को शिक्षा के क्षेत्र में सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इनमें से 188 छात्रावास बालकों के लिए और 76 बालिकाओं के लिए संचालित किए जा रहे हैं। समाज कल्याण विभाग के तत्वावधान में चलाए जा रहे ये छात्रावास अनुसूचित जाति के गरीब छात्रों को न केवल निःशुल्क आवासीय सुविधा प्रदान करते हैं, बल्कि छात्रों को बेहतर शैक्षिक माहौल और संसाधन भी उपलब्ध कराते हैं।

समाज कल्याण विभाग के अधिकारी ने बताया कि, वर्तमान में प्रदेश में अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए 264 निःशुल्क छात्रवासों का संचालन कर रहा है। इन छात्रावासों के रखरखाव और संचालन के लिए वर्ष 2024-25 में 41.42 करोड़ रुपये का व्यय किया है। पिछले वर्ष अनुसूचित जाति के लगभग 8,649 छात्र-छात्राओं ने इन छात्रावासों की सुविधाओं से लाभन्वित हुए हैं। इन छात्रावासों का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति के उन छात्रों को सहायता प्रदान करना है, जो आर्थिक तंगी या सामाजिक बाधाओं के कारण उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। इन छात्रावासों में निःशुल्क आवास, भोजन, और अध्ययन सामग्री के साथ-साथ समय-समय पर कैरियर काउंसलिंग और प्रेरणादायक सत्र भी आयोजित किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार के आठ वर्ष के शासन काल में अनुसूचित जाति के पूर्वदशम लगभग 32,49,854 छात्रों को 708 करोड़ और दशमोत्तर के लगभग 89,31,203 छात्रों को 9,662 करोड़ रुपये का छात्रवृत्ति प्रदान की गई है।

साथ ही प्रदेश में लगभग 120 जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। समाज कल्याण विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रत्येक छात्रावास में स्वच्छता, सुरक्षा, और अनुशासन का विशेष ध्यान रखा जाए, ताकि छात्र बिना किसी व्यवधान के अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें। छात्रावासों में रहने वाले छात्रों का कहना है कि यह सुविधा उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसी है।

(Udaipur Kiran) / दीपक वरुण

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