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ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए कोर्ट के आदेश का सख्ती से पालन करे राज्य सरकार: झारखंड हाई कोर्ट

फ़ाइल फ़ोटो

रांची, 16 अक्टूबर( हि.स.)। राजधानी रांची में ध्वनि प्रदूषण को लेकर कोर्ट के स्वत संज्ञान संज्ञान एवं रांची शहर में बैंक्विट हॉल, धर्मशाला, मैरिज हॉल में लाउडस्पीकर एवं डीजे के साथ रात 10:30 बजे के बाद बारात लगने से ध्वनि प्रदूषण रूल का उल्लंघन होने को लेकर दाखिल झारखंड सिविल सोसाइटी की जनहित याचिका की सुनवाई बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट में हुई।

सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की खंडपीठ ने रांची में ध्वनि प्रदूषण को लेकर हाई कोर्ट के 19 सितंबर, 2023 के आदेश का सख्ती से अनुपालन करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है। हाई कोर्ट की खंडपीठ ने यह भी मौखिक कहा है कि यदि ध्वनि प्रदूषण को लेकर कोई शिकायत करता है, तो उसके नाम का खुलासा न किया जाए, जिससे उसे किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

इससे पहले प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि ध्वनि प्रदूषण को लेकर कोर्ट ने 19 दिसंबर, 2023 को विस्तृत आदेश पारित किया था लेकिन इसे लेकर राज्य सरकार गंभीर नहीं है। ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए लेकर वर्ष 2019 में गठित टास्क फोर्स कोर्ट के आदेश का सही तरीके से अनुपालन नहीं कर पा रही है। खंडपीठ को यह भी बताया गया कि कई साइलेंट जोन जिनमें सीसीएल के गांधीनगर अस्पताल शामिल हैं इसके आसपास अभी भी ध्वनि प्रदूषण हो रहे हैं जबकि साइलेंट जोन में ध्वनि नहीं होना चाहिए था।

खंडपीठ को प्रार्थी की ओर से यह भी बताया गया कि रांची में ध्वनि प्रदूषण को लेकर शिकायत करने वालों का नाम सार्वजनिक हो जा रहा है, जिससे उन्हें डर का सामना करना पड़ रहा है। खंडपीठ ने मामले में ध्वनि प्रदूषण रोकने को लेकर कोर्ट के आदेश के अनुपालन को लेकर उठाए गए कदम के बारे में राज्य सरकार एवं झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर निर्धारित की है।

सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि हाई कोर्ट ने सितंबर 2023 के आदेश में रांची में रात 10:00 बजे से लेकर सुबह 6:00 बजे तक रांची शहर में डीजे बजने पर पाबंदी लगाई गई है। पर्व त्यौहार के मौके पर अधिकतम रात 12:00 तक ही डीजे बजाए जा सकता है। इसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी लेकिन टास्क फोर्स द्वारा कोर्ट के इस आदेश का अभी तक अनुपालन सही ढंग से किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि वर्ष 2019 में एक टास्क फोर्स गठित किया गया था, जिसमें एसडीओ, एसडीपीओ, रांची सिटी डीएसपी, रांची एसएसपी को रांची में ध्वनि प्रदूषण रोकने की जिम्मेदारी दी गई थी।

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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे

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