जयपुर, 7 नवंबर (Udaipur Kiran) । राज्य मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि आयोग के समक्ष पुलिसकर्मियों की ओर से मारपीट और दुर्व्यवहार करने सहित अन्य शिकायतें आती हैं। आरोपित के ऐसे आरोप लगाना और पुलिसकर्मी के ऐसे आक्षेपों को नकारना, एक सामान्य बात है। इसके बावजूद किसी भी नागरिक के कानूनी अधिकारों की अवहेलना करना एक गंभीर मुद्दा है। कानून ऐसी स्वतंत्रता नहीं देता कि किसी नागरिक के साथ विधि विरुद्ध आचरण किया जाए। इसलिए जरूरी है कि पुलिसकर्मी के खिलाफ आई शिकायत की जांच एक स्वतंत्र कमेटी की ओर से की जाए। इसके साथ ही आयोग ने डीजीपी और गृह सचिव को कहा है कि वे ऐसे मामलों की निष्पक्ष जांच के लिए एक विशेष दल का गठन करें। वहीं इसमें संबंधित जिले के एक सरकारी चिकित्सक और उपखंड अधिकारी सहित घटना से भिन्न क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक को शामिल किया जाए। आयोग ने कहा कि पूर्व में दिए गए निर्देशों के क्रम में जयपुर पुलिस कमिश्नर ने ऐसे मामलों की जांच के लिए एसआईटी गठित कर प्रशंसनीय कदम उठाया है। आयोग अध्यक्ष जस्टिस जीआर मूलचंदानी ने यह आदेश अजमेर जिले से आई पुलिस दुर्व्यवहार के प्रकरण पर सुनवाई करते हुए दिए। आयोग ने ब्यावर एसपी को कहा है कि वे एएसआई किशन सिंह और परिवादी जयदीप दिवाकर को आयोग में व्यक्तिश: पेश होने के लिए सूचित करें।
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(Udaipur Kiran)