रांची, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । झारखंड हाई कोर्ट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की शिकायत पर ईडी के अधिकारियों के खिलाफ एससी व एसटी थाना में दर्ज एफआईआर को सीबीआई या अन्य स्वतंत्र एजेंसी को देने का आग्रह करने वाली ईडी की याचिका की गुरुवार काे सुनवाई हुई। मामले में हाई कोर्ट की एकल पीठ ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया। इससे पहले राज्य सरकार की ओर से समय की मांग की थी। मामले में प्रतिवादी सीएम हेमंत सोरेन की ओर से अधिवक्ता ने वकालतनामा दाखिल किया, पिछली सुनवाई में कोर्ट ने हेमंत सोरेन को नोटिस जारी किया था। मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी।
ईडी के सहायक निदेशक देवव्रत झा की ओर से हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में आग्रह किया गया है कि इस मामले में गोंदा पुलिस द्वारा ईडी के अधिकारी को प्रताड़ित करने की कोशिश की जा रही है। इसलिए इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई या अन्य स्वतंत्र एजेंसी को सौंपी जाए। हालांकि पूर्व में ईडी के अधिकारियों के खिलाफ एससी व एसटी एक्ट में दर्ज एफआईआर को चुनौती देने वाली ईडी के अधिकारियों कपिल राज एवं अन्य की याचिका पर हाई कोर्ट ने ईडी के अधिकारियों को गोंदा पुलिस द्वारा 41 ए के तहत दिए गए नोटिस पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि अगले आदेश तक पुलिस ईडी अधिकारियों को 41 ए का नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए नहीं बुला सकती है। कोर्ट ने ईडी अधिकारी को खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक अगले आदेश तक जारी रखा है।
यह एफआईआर झारखंड पुलिस ने एससी/एसटी एक्ट के तहत रांची के एससी/एसटी पुलिस थाना में दर्ज की है। यह एफआईआर हेमंत सोरेन की दिल्ली आवास पर ईडी की गई तलाशी के संबंध में एक शिकायत को लेकर की गई है। एफआईआर में ईडी के सीनियर अधिकारियों पर दिल्ली में हेमंत सोरेन के आवास पर की गई तलाशी का आरोप लगाया गया है। इस एफआईआर में ईडी के अतिरिक्त निदेशक कपिल राज, सहायक निदेशक देवव्रत झा और अनुमान कुमार और अमन पटेल के साथ-साथ अज्ञात अधिकारियों का नाम शामिल है। इसमें हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि उनके दिल्ली आवास पर ईडी का तलाशी अभियान उन्हें और उनके समुदाय को परेशान करने और बदनाम करने के इरादे से चलाया गया।
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(Udaipur Kiran) / शारदा वन्दना