
शिमला, 24 अप्रैल (Udaipur Kiran) । नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर प्रदेश में शिक्षा को दरकिनार कर शराब को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया है। शिमला में जारी बयान में उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार एक नए व्यवस्था परिवर्तन मॉडल पर काम कर रही है, जिसमें एक ओर हज़ारों स्कूल बंद किए जा रहे हैं तो दूसरी ओर स्कूलों और अन्य सार्वजनिक स्थलों के पास धड़ल्ले से शराब के ठेके खोले जा रहे हैं।
ठाकुर ने कहा कि प्रदेशभर में ठेकों के खिलाफ स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं, धरने दे रहे हैं और बच्चों के भविष्य की दुहाई दे रहे हैं, लेकिन सरकार टस से मस नहीं हो रही। कुछ मामलों में तो लोगों को न्यायालय की शरण तक लेनी पड़ रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यही आत्मनिर्भर हिमाचल का रोडमैप है, जिसमें सरकार बच्चों के लिए स्कूल बंद कर शराब बेचने को तरजीह दे रही है?
ठाकुर ने बिलासपुर की एक घटना का ज़िक्र करते हुए कहा कि वहाँ आंगनबाड़ी केंद्र के पास ठेका खुलने के विरोध पर अधिकारी ने सुझाव दे दिया कि केंद्र ही कहीं और शिफ्ट कर दो। उन्होंने कहा कि इस तरह की सोच से साफ है कि सरकार को बच्चों और समाज की नहीं, केवल राजस्व की चिंता है।
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर नगर निगमों पर भी दबाव डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संसाधनों की भारी कमी झेल रहे नगर निगमों को न बिकने वाले ठेकों को चलाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि क्या अब निगम के कर्मचारियों का काम शराब बेचना रह गया है?
आबकारी राजस्व को लेकर सरकार के दावों पर भी ठाकुर ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार हर साल आबकारी से 40 प्रतिशत राजस्व वृद्धि का दावा करती रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। इस बार सरकार ने 4000 करोड़ की जगह महज 2800 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है, जो अपने आप में बताता है कि राजस्व में कोई बड़ी बढ़ोतरी नहीं हुई है।
उन्होंने दावा किया कि पूर्व भाजपा सरकार के अंतिम वर्ष में आबकारी से 22 फीसदी की वृद्धि हुई थी, जबकि सुक्खू सरकार इस मोर्चे पर हर साल दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई। ठाकुर ने सरकार से अपील की कि वह ठेके खोलने की बजाय प्रदेश के बच्चों के भविष्य और शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान दे।
—————
(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
