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इरफान सोलंकी की सजा बढ़ाने व षड्यंत्र मामले में बरी करने के खिलाफ राज्य सरकार ने दायर की अपील

इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कानपुर से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी की सजा के खिलाफ अपील को राज्य सरकार द्वारा उनकी सजा बढ़ाने की दाखिल अपील के साथ सुनवाई का आदेश दिया है। तीनों अपीलों की सुनवाई न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता तथा न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह की खंडपीठ 24 सितंबर को करेगी।

राज्य सरकार ने षड्यंत्र केस में सोलंकी को विशेष अदालत द्वारा बरी करने के आदेश को भी अपील में चुनौती दी है। सोलंकी बंधुओं पर कानपुर की एक महिला का घर जलाने के केस में अदालत ने सात साल कैद की सजा सुनाई है। जिसे उन्होंने अपील में चुनौती दी है। सात साल के कैद की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने की मांग में राज्य सरकार ने भी अपील दाखिल की है। इसकी सुनवाई खंडपीठ द्वारा की जा रही है। राज्य सरकार ने षड्यंत्र के मामले में सोलंकी को बरी करने के आदेश के खिलाफ भी अपील दाखिल की है। तीनों अपीलों की एक साथ सुनवाई होगी। हालांकि इससे पहले सोलंकी की अपील पर राज्य सरकार ने जवाबी हलफनामा दाखिल किया और अपील खारिज करने की मांग की।

सोलंकी की अपील में विशेष अदालत कानपुर नगर द्वारा दी गई सात साल की कैद व जुर्माने की सजा को रद्द किए जाने की मांग की गई है। इसके अलावा अंतिम फैसला आने तक सजा पर रोक लगाए जाने और जमानत पर रिहा किए जाने की भी मांग की गई है। कानपुर के स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने इसी साल सात जून को सपा विधायक इरफान सोलंकी समेत पांच लोगों को सात साल की कैद व जुर्माने की सजा सुनाई है। जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में फातिमा नाम की एक महिला का घर जलाए जाने के मामले में दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई गई है। सोलंकी सीसामऊ सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए थे। सजा के बाद विधायकी छिन गई है। इरफान सोलंकी अभी महाराजगंज जेल में बंद है। हालांकि इसी मामले में षड्यंत्र के आरोप से अदालत ने बरी कर दिया है। जिसे सरकार ने चुनौती दी है।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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