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धर्मशाला, 12 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । पूर्व उद्योग मंत्री एवं जसवां परागपुर विस क्षेत्र के भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारियों के अहम योगदान के कारण न केवल सरकारी योजनाएं धरातल पर क्रियान्वित की जाती हैं, बल्कि माफिया पर नकेल कसने में यही अधिकारी बड़ी भूमिका अदा करते हैं। बावजूद प्रदेश में पिछले कुछ समय से ऐसा माहौल बनाया जा रहा है, जिससे इन अधिकारियों का मनोबल तोड़ने की कोशिश की जा रही है। बद्दी की एसपी इलमा अफरोज से शुरू हुआ यह सिलसिला मंडी के एसडीएम पर हमले तक पहुंच चुका है। सरकार मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रही थी और अब उसके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया है।
बुधवार को जारी प्रेस बयान में बिक्रम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं कह चुके हैं कि उन्हें आईएएस व आईपीएस अधिकारियों की कोई आवश्यकता नहीं है। इससे साफ जाहिर है कि प्रदेश सरकार खुद प्रशासन की इस लाॅबी को नजरअंदाज करने के मूड में है, लेकिन सच सही है कि यही अधिकारी सरकार की रीढ़ होते हैं और उनके बिना प्रदेश में नशे व खनन से उपजी अव्यवस्था को पटरी पर नहीं लाया जा सकता।
बिक्रम ने कहा कि प्रदेश की सीमाओं व संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात सभी एसडीएम व अन्य प्रशासनिक अधिकारी अवैध खनन, अपराध और माफिया गतिविधियों को लगाम लगाने के लिए अत्यधिक जोखिम में काम कर रहे हैं। बद्दी, नालागढ़, अंब और अन्य संवेदनशील उपमंडलों में तैनात अधिकारियों को लगातार धमकियों और खतरों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनका स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से काम करना मुश्किल हो रहा है। इन अधिकारियों ने यह मुद्दा सरकार के समक्ष भी उठाया है। बद्दी के एसडीएम विवेक महाजन कई बार व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी की मांग कर चुके हैं, लेकिन राज्य सरकार ने उनकी गुहार अनसुनी कर दी। बद्दी जैसे औद्योगिक क्षेत्र में, जहाँ अवैध खनन, ड्रग माफिया और बाहरी तत्वों की गतिविधियाँ बढ़ रही हैं, वहां प्रशासनिक अधिकारियों को बिना सुरक्षा कार्य करना उनकी जान को खतरे में डालना है। ठाकुर ने अधिकारियों द्वारा उठाई गई चिंताओं को भी जायज ठहराया है और कहा कि जब प्रशासनिक अधिकारी खुद सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे, तो जनता को सुरक्षा देने की उनकी क्षमता भी प्रभावित होगी।
बिक्रम ठाकुर ने प्रदेश सरकार को चेताते हुए कहा कि अगर मंडी जैसी घटना को हल्के में लिया गया तो यह पूरे प्रशासनिक ढांचे पर भारी पड़ेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि जो अधिकारी हाई-रिस्क इलाकों में तैनात हैं, उन्हें तुरंत सुरक्षा दी जाए, ताकि वे बिना डर और दबाव के कानून व्यवस्था को सख्ती से लागू कर सकें। उन्होंने कहा कि बीजेपी इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठने वाली है और यदि सरकार ने अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान नहीं की तो इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने के साथ सड़कों पर उतरने के लिए विवश होंगे।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया
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