
जयपुर, 2 मई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश की 6759 पंचायतों के चुनाव स्थगित कर निवर्तमान सरपंचों को प्रशासक लगाए जाने से जुडे मामले में राज्य सरकार व चुनाव आयोग से पूछा है कि वे चुनाव कार्यक्रम सहित बताए कि पंचायतों के चुनाव कब होंगे। वहीं राज्य सरकार को इस संबंध में 4 फरवरी 2025 व 25 मार्च 2025 को दिए गए निर्देशों की पालना के लिए कहा है। अदालत ने राज्य चुनाव आयोग से चार सप्ताह में जवाब भी मांगा है। जस्टिस चन्द्रशेखर व जस्टिस आनंद शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश गिर्राज सिंह देवंदा व अन्य की जनहित याचिका पर दिए। अदालत ने मामले की आगामी सुनवाई 30 मई को तय की है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने बताया कि पिछली सुनवाई पर अदालत ने राज्य सरकार व चुनाव आयोग को पंचायत चुनाव का कार्यक्रम बताने का निर्देश दिया था, लेकिन इसके बाद भी राज्य सरकार व चुनाव आयोग ने अभी तक पंचायत चुनाव कार्यक्रम पेश नहीं किया है। राज्य सरकार व चुनाव आयोग की ओर से लगातार अदालती निर्देशों की अवहेलना की जा रही है। जिस पर राज्य सरकार ने कहा कि उन्होंने जवाब पेश कर दिया है। इसमें कहा है कि पंचायत पुनर्गठन एवं परिसीमन के बाद ही चुनाव कराए जाएंगे। वहीं अदालत ने नगर पालिकाओं के चुनाव मामले में भी नोटिस जारी किए हैं। इसलिए यह मामला भी नगर पालिका चुनाव मामले में दायर याचिका के साथ ही सूचीबद्ध किया जाए। राज्य सरकार के इस जवाब पर याचिकाकर्ता ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के साल 2022 में दिए गए आदेश में स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार व चुनाव आयोग, पंचायत पुनर्गठन और परिसीमन के कारण पंचायत चुनाव को स्थगित नहीं कर सकते। समय पर चुनाव कराया जाना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है। नगर पालिका चुनाव का मामला अलग और नया है। जबकि पंचायत चुनाव वाले मामले में अदालत राज्य सरकार व चुनाव आयोग से चुनाव कार्यक्रम मांग चुकी है। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने चुनाव आयोग से जवाब मांगते हुए मामले की सुनवाई 30 मई को तय की है।
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(Udaipur Kiran)
