मुंबई/नई दिल्ली, 13 नवंबर (Udaipur Kiran) । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने सार्वजनिक क्षेत्र के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक को फिर से घरेलू प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (डी-एसआईबी) की सूची में शामिल किया है।
आरबीआई ने बुधवार को डी-एसआईबी 2024 की सूची जारी की है। इस सूची में शामिल होने के लिए ऋणदाताओं को उस ‘बकेट’ के अनुसार पूंजी संरक्षण भंडार के अतिरिक्त उच्च ‘कॉमन इक्विटी टियर 1’ (सीईटी 1) बनाए रखना जरूरी है, जिसके अंतर्गत इसे वर्गीकृत किया गया है। रिजर्व बैंक की जारी सूची के मुताबिक एसबीआई अब भी ‘बकेट 4’ में बना हुआ है, जिसके लिए देश के सबसे बड़े ऋणदाता बैंक को 0.80 फीसदी का अतिरिक्त सीईटी 1 रखना होगा। सूची के मुताबिक निजी क्षेत्र के सबसे बड़ा ऋणदाता एचडीएफसी बैंक को ‘बकेट 2’ में रखा गया है, जिसके तहत उसे 0.40 फीसदी अधिक सीईटी 1 बनाए रखना होगा। इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक को ‘बकेट 1’ में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े ऋणदाता बैंक को सीईटी 1 भंडार में अतिरिक्त 0.20 फीसदी बनाए रखना होगा।
रिजर्व बैंक ने बयान में बताया कि एसबीआई तथा एचडीएफसी बैंक के लिए उच्च डी-एसआईबी अधिभार 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। इसलिए 31 मार्च, 2025 तक एसबीआई और एचडीएफसी बैंक पर लागू डी-एसआईबी अधिभार क्रमशः 0.60 फीसदी और 0.20 फीसदी होगा। आरबीआई ने कहा कि ये वर्गीकरण 31 मार्च, 2024 तक बैंकों से एकत्र किए गए आंकड़ों पर आधारित है।
केंद्रीय बैंक ने पहली बार 2014 में डी-एसआईबी से निपटने के लिए रूपरेखा की घोषणा की थी। आरबीआई ने 2015 और 2016 में एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक को इस सूची में शामिल किया था, जबकि 2017 में अन्य दो बैंकों के साथ एचडीएफसी बैंक को भी सूची में शामिल किया।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर