Madhya Pradesh

गीता जयंती पर जनकल्याण पर्व और जनकल्याण अभियान आरंभ होना सुखद संयोग : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

जनकल्याण पर्व और जनकल्याण अभियान के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंती्र

– मुख्यमंत्री ने 1 करोड़ 28 लाख लाड़ली बहनों के खातों में अंतरित किए 1572 करोड़ रुपये- 55 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशन हितग्राहियों को 334 करोड़ रुपये की राशि की अंतरित

भोपाल, 11 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह सुखद संयोग है कि गीता जयंती के अवसर पर प्रदेश में जनकल्याण पर्व और मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान का शुभारंभ हो रहा है। ग्यारह से 26 दिसंबर तक चलने वाले जनकल्याण पर्व में कई विकास कार्यों के भूमि-पूजन और लोकार्पण होंगे। मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान में आज से 26 जनवरी 2025 तक गरीब, युवा, किसान और महिलाओं को समृद्धि के नए अवसर उपलब्ध कराते हुए 34 हितग्राही मूलक योजनाओं, 11 लक्ष्य आधारित योजनाओं और 63 सेवाओं का लाभ उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से घर-घर सर्वे किया जाएगा। अभियान से प्रत्येक पात्र व्यक्ति को जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को भोपाल में जनकल्याण पर्व और अभियान के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश की एक करोड़ 28 लाख लाड़ली बहनों के खातों में एक हजार 572 करोड़ रुपये की राशि तथा गैस सिलेंडर रिफीलिंग की लगभग 350 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में भी 55 लाख हितग्राहियों के खातों में 334.38 करोड़ की राशि भी सिंगल क्लिक से खातों में अंतरित की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनकल्याण पर्व और अभियान की शुभकामनाओं के साथ राशि अंतरण की बहनों को बधाई दी। उन्होंने गीता जयंती के अवसर पर सस्वर गीता पाठ का विश्व रिकार्ड बनाने वाले आचार्यों तथा बटुकों का भी अभिवादन किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संतो का पुष्प वर्षा कर किया अभिवादन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर प्रदेशव्यापी जनकल्याण पर्व और मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान का दीप प्रज्ज्वलित कर लाल परेड़ ग्राउंड से शुभारंभ किया। उन्होंने उपस्थित संतों का पुष्प वर्षा कर अभिवादन किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, सूक्ष्म लघु और मध्यम मंत्री चैतन्य काश्यप, संस्कृति और पर्यटन मंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग, हितानंद शर्मा, रामेश्वर शर्मा, भगवान दास सबनानी, महापौर मालती राय, नगर निगम सभापति किशन सूर्यवंशी, सुमित पचौरी, अन्य जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

गूगल पर सबसे अधिक सर्च किए जाने वाला ग्रंथ है श्रीमद्भगवद् गीता

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता से जीवन सूत्र और मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए सभी देशों के लोग लालायित हैं। गूगल सर्च ईंजन बताता है कि विश्व में सर्वाधिक जिज्ञासा श्रीमद्भगवद् गीता के संबंध में ही है। विश्व के सभी धार्मिक ग्रंथों में गीता एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जो कर्म पथ, भक्ति मार्ग और शांति का संदेश देती है। सनातन संस्कृति और श्रीमद्भगवद्गीता जीवन की ऊथल-पुथल में शांति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। धर्म की जय हो- अधर्म का नाश हो- प्राणियों में सद्भाव हो और विश्व का कल्याण हो के वाक्य हमारी संस्कृति के मूल भाव को अभिव्यक्त करते हैं। सनातन संस्कृति में धर्म आधारित जीवन शैली और परस्पर संबंधों की कल्पना है और हम हमारी संस्कृति इसे चरितार्थ करने पर आधारित है। सनातन जीवन संस्कृति में आचार संहिता का पालन जरूरी है।

घर और कार्यस्थल में रखें श्रीमद्भगवद् गीताः मंत्री लोधी

संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भावसिंह लोधी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर भगवान श्री कृष्ण के जीवन मूल्य और शिक्षा श्रीमद्भगवद् गीता के माध्यम से जन जन तक पहुंच रही है। श्रीमद्भगवद् गीता जीवन में ज्ञान के प्रकाश का माध्यम है। सिर्फ भारत देश को ही नहीं अपितु पूरे विश्व को श्रीमद्भगवद् गीता प्रेरणा और दिशा देती है। उन्होंने कहा कि गीता जीवन में संघर्षों का सामना करने की शिक्षा और सामर्थ्य प्रदान करती है। इस तरह की शिक्षाएं भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मग्रंथ गीता के माध्यम से दी है। उन्होंने सभी से अपने घर और कार्यस्थल में श्रीमद्भगवद् गीता को रखने और नियमित पाठ करने का संकल्प लेने का आग्रह किया।

गिनीज बुक में दर्ज हुआ हजारों आचार्यों द्वारा एक साथ किया गया सस्वर गीता पाठ

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गीता महोत्सव के उपलक्ष में हजारों आचार्यों द्वारा एक साथ गीता के श्लोकों का वाचन करने का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स का प्रमाण-पत्र प्राप्त किया। लगभग सात हजार से अधिक व्यक्तियों द्वारा सस्वर गीता पाठ किया गया, जिसमें 3 हजार 721 आचार्य तथा बटुक शामिल थे।

(Udaipur Kiran) तोमर

Most Popular

To Top