जम्मू, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । दक्षिण पीर पंजाल रेंज में गुज्जर-बकरवाल समुदायों के बच्चों के लिए शैक्षिक अवसरों को बढ़ाने के लिए भारतीय सेना ने बुधल-चसाना क्षेत्र में दस स्थानों पर ग्रीष्मकालीन स्कूलों की एक श्रृंखला शुरू की है। यह पहल इन समुदायों के सामने आने वाली शैक्षिक चुनौतियों को संबोधित करती है जिनके बच्चे अक्सर अपने पशुओं के लिए बेहतर चारागाह की तलाश में अपने परिवारों के मौसमी प्रवास के कारण अपनी स्कूली शिक्षा में रुकावटों का अनुभव करते हैं।
ग्रीष्मकालीन स्कूल राजौरी जिले के टोल्डा गाला, छपरी, निलारी, दम गली और संघर सहित प्रमुख क्षेत्रों में संचालित हो रहे हैं। इन स्थानों को गुज्जर और बकरवाल चरवाहा शिविरों की सांद्रता के आधार पर रणनीतिक रूप से चुना गया था। यह कार्यक्रम तब तक जारी रहेगा जब तक बकरवाल समुदाय अपने ग्रीष्मकालीन शिविरों से वापस नहीं आ जाते।
वर्तमान में लगभग 200 छात्र इन अस्थायी स्कूलों में पढ़ रहे हैं जो योग्य शिक्षकों, स्टेशनरी और पुस्तकों से सुसज्जित एक संरचित शिक्षण वातावरण प्रदान करते हैं। इसका उद्देश्य आवश्यक शैक्षणिक सहायता प्रदान करना है और छात्रों को प्रमुख अवधारणाओं को समझने में मदद करना, उनके शैक्षणिक प्रदर्शन को बढ़ाना और भविष्य की शिक्षा के लिए एक ठोस आधार तैयार करना है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा / बलवान सिंह