गोरखपुर, 12 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । पुस्तकों के प्रकाशन में गीता प्रेस देश विदेश में अपनी ख्याति फैला चुका है। साधारण पुस्तकों के साथ अब रंगीन चित्रमय पुस्तक प्रकाशन कर रहा है। गीता प्रेस में पहली बार श्रीकृष्णलीला दर्शन पुस्तक को आर्ट पेपर पर चित्रमय प्रकाशित किया गया है। प्रकाशित पुस्तकों को नेपाल भी भेजी गई है।
इस पुस्तक में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर उनकी पूरी बाललीलाओं का जिक्र है। इस पुस्तक की रचना संत प्रभुदत्त ब्रम्हचारी ने की है। गीता प्रेस में सबसे पहले 1938 में इस पुस्तक को प्रकाशित किया गया था। उस समय इसका दाम 2.50 रुपये था। आर्ट पेपर पर प्रकाशित करने के लिए श्रीकृष्णलीला दर्शन पुस्तक का संपादन किया गया था। इसके बाद पुस्तकों का प्रकाशन तेजी से किया गया। श्रीकृष्ण लीला दर्शन पुस्तक अब छपकर तैयार कर दी गई है। पहली बार में लगभग 3000 तीन हजार प्रतियां प्रकाशित की गईं हैं। इसमें से 50 पुस्तकों को नेपाल भी भेजा गया है। बताया जा रहा है कि 256 पेज की इस पुस्तक में भगवान श्रीकृष्ण की बचपन से लेकर पूरी लीलाओं का वर्णन किया गया है। आर्ट पेपर पर छपी पुस्तक की खास बात यह है कि इसमें भगवान कृष्ण की हर लीला के वर्णन को चित्र के माध्यम से भी दर्शया गया है। यानी भगवान के जिस लीला का वर्णन लिखित में होगा, उसी स्थिती को चित्र के माध्यम से दिखाया गया है।
गीता प्रेस के प्रबंधक लाल मणि तिवारी ने बताया कि पाठकों की मांग पर श्रीकृष्णलीला दर्शन पुस्तक की तीन हजार प्रतियां पहली बार में प्रकाशित की गईं हैं। इसे नेपाल भी भेजा गया है। साथ ही गीता प्रेस की अन्य शाखाओं पर भी इसे भेजा जा रहा है। मांग बढ़ने पर प्रतियों के प्रकाशन की संख्या बढ़ाई जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय
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