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श्रीलंका सुप्रीम कोर्ट पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे की याचिका पर 19 मार्च को करेगा विचार

पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे

कोलंबो, 06 फरवरी (Udaipur Kiran) । श्रीलंका का सुप्रीम कोर्ट पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की मौलिक अधिकार याचिका पर 19 मार्च को विचार करेगा। राजपक्षे ने निजी सुरक्षा से जुड़ी याचिका में अपने सुरक्षा अधिकारियों की संख्या घटाकर 60 करने के सरकार के फैसले को चुनौती दी है।

डेली न्यूज समाचार पत्र की खबर के अनुसार 2005 से 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रहे महिंदा राजपक्षे की मौलिक अधिकार याचिका पर आज जस्टिस प्रीति पैडमैन सुरसेना, जस्टिस जनक डी सिल्वा और जस्टिस संपत अबेकून की पीठ ने सुनवाई की। राजपक्षे ने यह याचिका 24 जनवरी को दाखिल की थी। इसमें राजपक्षे ने कहा था कि सरकार ने सुरक्षा में तैनात कर्मियों की संख्या घटाकर 60 कर दी है, जो पहले 350 से अधिक हुआ करती थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस पर दखल देने का आग्रह किया था।

मौलिक अधिकार याचिका में 80 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे ने कहा था कि लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के तीन दशक लंबे सशस्त्र अभियान को समाप्त करने में उनकी भूमिका के कारण उनका जीवन खतरे में है। उन्होंने याचिका में प्रतिवादी के रूप में प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या, कैबिनेट और रक्षा प्रतिष्ठान को नामित किया है।

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(Udaipur Kiran) / मुकुंद

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