
वाराणसी,25 अप्रैल (Udaipur Kiran) श्री काशी विश्वनाथ का शुक्रवार को रामेश्वरम से लाए गए समुद्र जल से वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य अभिषेक किया गया। सनातन परंपरा और आध्यात्मिक एकता के अनुपम प्रतीक के रूप में यह कार्य खुद मंदिर के सीईओ ने किया। रामेश्वरम में स्थापित शिवलिंग को स्वयं प्रभु श्रीराम ने हनुमान जी द्वारा लाए गए पत्थर से स्थापित किया था, और वह शिवलिंग ‘श्री काशी विश्वनाथ महादेव’ के नाम से ही प्रतिष्ठित है।
मान्यता है कि रामेश्वरम यात्रा का प्रारंभ श्रीराम द्वारा स्थापित उसी काशी विश्वनाथ के दर्शन से होता है, और तभी से श्री काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक रामेश्वरम के जल से किए जाने की परंपरा प्रारंभ हुई। मंदिर न्यास के अनुसार श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के गोपुरम का निर्माण कराने वाले जमींदार परिवार के वंशज सीआरएम अरुणाचलम ने रामेश्वरम जल का कलश भेंट किया था। श्री अरुणाचलम कोविलूर स्वामी के शिष्य हैं जो दक्षिण तमिलनाडु के शिवगंगा जनपद में स्थित कोविलूर मठ के प्रधान प्रमुख हैं।
गौरतलब हो कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा संचालित अन्न सेवा में भोजन निर्माण का कार्य कोविलूर मठ के सहयोग से ही संपन्न किया जाता है। कोविलूर स्वामी की प्रेरणा से ही श्री अरुणाचलम द्वारा रामेश्वर जल श्री काशी विश्वेश्वर के अभिषेक हेतु भेंट किया गया। न्यास के अनुसार रामेश्वरम के सागर जल से श्री विश्वेश्वर के अभिषेक की यह परंपरा उत्तर में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से सुदूर दक्षिण के रामेश्वरम धाम तक सनातन धर्म के द्वारा संपूर्ण भारत की राष्ट्रीय एकता के सूत्र में पिरोने का दृष्टांत भी है।
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
