मंडी, 01 अप्रैल (Udaipur Kiran) । सरदार पटेल विश्वविद्यालय, मंडी ने आज एक अप्रैल को अपना तीसरा स्थापना दिवस मनाया। विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों, संकाय सदस्यों, छात्रों और सम्मानित अतिथियों ने भाग लिया। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर ललित अवस्थी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे और प्रोफेसर अनुपमा सिंह प्रो कुलपति विशिष्ट अतिथि थी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के समाचार पत्र मांडव क्रॉनिकल का लोकार्पण किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों और उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया।
अपने संबोधन में प्रोफेसर ललित अवस्थी ने विश्वविद्यालय की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें पहला दीक्षांत समारोह आयोजित करना, विश्वविद्यालय शैक्षणिक परिषद का गठन और पहली वित्त समिति की बैठक आयोजित करना शामिल है। कुलपति ने कहा कि 2024 से सरदार पटेल विश्वविद्यालय अपने परिसर और संबद्ध कॉलेजों और संस्थानों में चल रहे सभी पाठ्यक्रमों के लिए अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा। कुलपति ने पिछले तीन वर्षों में शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर अवस्थी ने विश्वविद्यालय के डीन को उनके शैक्षणिक योगदान के लिए सम्मानित किया और पूरे विश्वविद्यालय जगत को अपनी शुभकामनाएं दीं।
वहीं पर प्रो वाइस चांसलर, प्रोफेसर अनुपमा सिंह ने भी भविष्य के लिए विश्वविद्यालय के विजन पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की और क्लस्टर विश्वविद्यालय से अब दूसरे राज्य विश्वविद्यालय तक के समय को याद करते हुए नए विश्वविद्यालय के अनुभवों और चुनौतियों को साझा किया। इस अवसर पर सरदार वल्लभभाई पटेल के मूल्यों के प्रति एक प्रतीकात्मक श्रद्धांजलि के रूप में, उनके जन्मस्थान की मिट्टी से भरा एक मिट्टी का बर्तन कुलपति को सौंपा गया, जो एकता, नेतृत्व और शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। छात्रों द्वारा मंडी और हिमाचल की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते हुए एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। जिसमें छात्रों ने मंडयाली लुड्डी, नाटी, कत्थक नृत्य और माईम के माध्यम से नशे की प्रवृति से दूर रहने का युवाओं को संदेश दिया।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
