धमतरी, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । दीपावली पर को लेकर उत्साह का माहौल बना हुआ है। शहर के बाजार में धनतेरस के पूर्व से खरीदारी हो रही है, जो अब तक जारी है। धनतेरस की शुरुआत होते ही घरों के आसपास बच्चे पटाखे फोड़ रहे हैं। शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में त्योहार को लेकर उत्साह का माहौल है। शहर गांव में लक्ष्मी पूजन पृथक पृथक दिन मनाने की जानकारी है। 31 अक्टूबर व एक नवंबर को दीपावली पर्व उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाएगा।
दीपावली का त्योहार प्रारंभ हो चुका है। ग्रामीण इलाकों में गुरूवार को एवं शहरी क्षेत्र में शुक्रवार को लक्ष्मी पूजन कार्यक्रम होगा। जबकि शुक्रवार की रात में सभी जगहों पर गौरी-गौरा की बारात धूमधाम के से निकाली जाएगी।धमतरी जिला समेत पूरे प्रदेश में दीपावली पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। मंगलवार को सभी जगहों पर धनतेरस मनाया गया। इस अवसर पर लोगों ने सोने-चांदी के जेवरात, बर्तन, इलेक्ट्रानिक समान, वाहन आदि की जमकर खरीदी की। बाजार में रौनकता छायी रही। बुधवार को रूप चौदस मनाया जा रहा है। ग्रामीण इलाके में लक्ष्मी पूजा कार्यक्रम गुरूवार को तय है। गांवों में मुनादी कर कहा गया है कि गुरूवार को लक्ष्मी पूजा होगी। शुक्रवार की रात गौरी-गौरा की बारात निकलेगी। इसकी तैयारी जोरशोर से चल रही है। जबकि धमतरी शहर में लक्ष्मी पूजा कार्यक्रम एक नवंबर को होगा। एक नवंबर शुक्रवार की रात ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में गौरी-गौरा की बारात निकलेगी। दो नवंबर शनिवार को अन्नकूट एवं गोवर्धन पूजा कार्यक्रम है। तीन नवंबर को भाईदूज मनाया जाएगा। इसी दिन ग्रामीण क्षेत्र के कुछ गांवों में मातर कार्यक्रम भी संपन्न होगा।
एक नवंबर को लक्ष्मी पूजन का मुहूत : विप्र विद्वत परिषद
विप्र विद्वत परिषद धमतरी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के श्रीदेव पंचाग के अनुसार हिंदुओं का बड़ा त्योहार पांच दिवसीय दीपावली का पर्व धनतेरस से प्रारंभ होकर यम द्वितीया भाई दूज तक मनाया जाता है। परिषद के अध्यक्ष पंडित अशोक कुमार शास्त्री ने बताया कि श्री देव पंचाग के अनुसार 30 अक्टूबर बुधवार धनतेरस धन्वंतरी पूजन, 31 अक्टूबर को गुरुवार को नरक चतुर्दशी जिससे रुप चतुर्दशी भी कहते हैं। एक नवंबर शुक्रवार को दीपावली महालक्ष्मी पूजन, दो नवंबर शनिवार को गोवर्धन पूजा, अन्नकूट, तीन नवम्बर रविवार को यम द्वितीया भाई दूज मनाया जाएगा।
31 को लक्ष्मी पूजा शास्त्र सम्मत : पं. शिव प्रसाद त्रिपाठी
ज्योतिषाचार्य आचार्य पं. शिव प्रसाद त्रिपाठी ने लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूत के बारे में कहा कि दीपावली के शुभ मुहूर्त अपरान्ह 3.27 से 4.27 तक गुरू अपरान्ह 4.17 से 6.17 तक शुभ की चौघड़िया एवं गोधूली बेला सायं 5.33 से प्रदोषकाल सायं 5.18 से 7.52 तक, 6.17 से 9.17, 6.26 से 10.33 तक वृष एवं मिथुन लग्न 7.27 से 9.27 तक बुध एवं चन्द्र को एवं 10.27 से 11.26 तक 11.15 से 12.6 तक निशीथ काल 12.55 से 3.19 बजे तक है। उन्होंने आगे कहा कि लक्ष्मी पूजा के दिन स्वर्ण-चांदी के आभूषण आदि क्रय करना शुभ कारक माना गया है। इस दिन श्री महालक्ष्मी का प्रसाद अनुग्रह स्वरूप महालक्ष्मी की मूर्ति उसे अवश्य लेना चाहिए। जिससे दीपावली को महालक्ष्मी की पूजा और सुलभ हो।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा