Uttar Pradesh

धान की फसल को मोथा खरपतवार से बचाव के लिए करें दवा का छिड़काव

धान की फसल को मोथा खरपतवार से बचाव के लिए करें दवा का छिड़काव

कानपुर, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । धान की रोपाई इन दिनों जोरों पर है और खरपतवार से फसल को बचाने के लिए यही समय उपयुक्त है। खासकर मोथा खरपतवार धान की फसल को सबसे अधिक प्रभावित करता है। ऐसे में रोपाई के तीन दिन बाद कीटनाशक का प्रयोग अवश्य करें।

चंद्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ एस एन सुनील पांडे ने बुधवार को बताया कि धान की फसल में कई तरह के रोग, कीट एवं खरपतवार लगने का खतरा रहता है. जिनमें से मोथा भी एक प्रकार का खरपतवार है। यह फसल के विकास में बाधक होता है।

मोथा खरपतवार से बचाव के उपाय

उन्होंने बताया कि जुलाई का महीना लगभग आधा बीत गया है। कई राज्यों में धान की रोपाई हो गई है या अगले 10 दिनों में पूरी हो जाएगी। किसान धान की फसल रोपाई में लगे हुए हैं, परंतु धान की रोपाई के बाद फसल में कई तरह के खरपतवार का खतरा बना रहता है, जिससे फसल खराब होती है। फसल खराब होने पर इसकी पैदावार भी घटती है, जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। धान की फसल में लगने वाले प्रमुख खरपतवार में मोथा भी है। यह खरपतवार फसल के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। यह एक ऐसा खरपतवार है जो फसल को पूरी तरीके से बर्बाद कर देता है। मौसम विज्ञानी बताते हैं कि यह फसल के विकास में बाधक होता है। इसीलिए किसान सही समय पर इसका नियंत्रण करने के लिए कीटनाशक का प्रयोग करें, जिससे उनकी फसल का सही से विकास हो और उनकी पैदावार भी अच्छी हो सके।

मोथा की पहचान

डॉ०पांडेय बताते हैं कि मोथा दिखने में हरे रंग का होता है। इसकी पत्तियां तिकोनी होती हैं और इसकी जड़े जमीन में काफी गहराई तक होती हैं। यह पत्तियां बड़ी होने पर सख्त हो जाती है जो सूखने पर भूरे रंग का दिखाई देता है। ऐसे करें बचाव मौसम वैज्ञानिक बताते हैं कि यह खरपतवार फसल रोपाई के साथ के खेत में उग जाता है। इससे बचाव के लिए किसान धान की फसल की दो बार निराई करें। साथ ही कीटनाशक का छिड़काव करें। मोथा से अपनी फसल को बचाने के लिए किसान पेंडीमेथलीन 30 ई.सी, ब्यूटी फ्लोर 50 प्रतिशत ईसी, प्रोटीन फ्लोर ऑक्सीफ्लोरफेन, पाइराजोसल्फ्यूरान इथाईल डब्ल्यू पी का छिड़काव करके अपनी फसल को बचा सकते हैं। किसान इस खरपतवार से अपनी फसल के बचाव के लिए फसल रोपाई के 2 से 3 दिन बाद कृषि विशेषज्ञ की सलाह पर इन दवाओं का छिड़काव कर के अपनी फसल को मोथा से बचा सकतें है।

(Udaipur Kiran) / अजय सिंह / मोहित वर्मा

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