

महाराणा प्रताप स्टेडियम में दो दिवसीय प्रथम
यूटीडी खेलकूद प्रतियोगिता शुरू
हिसार, 3 अप्रैल (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान
एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि खेल
केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं हैं, बल्कि यह हमारे जीवन को अनुशासन, समर्पण और परिश्रम
के मूल्यों से जोड़ते हैं। खेल हमें सिखाते हैं कि हार और जीत जीवन का हिस्सा हैं और
हमें हर परिस्थिति में आगे बढ़ते रहना चाहिए। खेलों में भाग लेने से विद्यार्थियों में
आत्मविश्वास बढ़ता है। टीम वर्क की भावना विकसित होती है और मानसिक मजबूती आती है।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई गुरुवार को विश्वविद्यालय
के खेल निदेशालय के सौजन्य से महाराणा प्रताप स्टेडियम में शुरु हुई दो दिवसीय प्रथम
यूटीडी खेलकूद प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह संबोधित कर रहे थे। विश्वविद्यालय की
प्रथम महिला डा. वंदना बिश्नोई समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रही। अध्यक्षता
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. विजय कुमार ने की।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि खेल
हमें दौड़ना या प्रतिस्पर्धा करना ही नहीं सिखाते, बल्कि अनुशासन, संयम और टीम वर्क
की भावना जागृत करते हैं। खेल गिरकर उठना और हारकर भी मुस्कराना सिखाते हैं। उन्होंने
कहा कि जीवन भी एक दौड़ की तरह है। कभी आप आगे रहते हैं तो कभी पीछे लेकिन जीतता वही
है जो निरंतर मेहनत व लगन के साथ प्रयास करता रहता है। उन्होंने कहा कि युवा देश का
भविष्य हैं। खेल के मैदान में दिखाई गई मेहनत, ताकत और प्रतिभागी आपको जीवन के हर क्षेत्र
में आगे ले जाएगी। एक छोटे से गांव से निकल कर एथलेटिक्स की दुनिया में अपनी अलग पहचान
बनाने वाली भारत की उड़नपरी पीटी ऊषा हर खिलाड़ी के लिए प्रेरणा है। वर्ष 1984 के ओलम्पिक
में वे मात्र 0.01 सेकंड से कांस्य पदक से चूक गई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और
कहा कि ‘मैंने पदक नहीं जीता, लेकिन दुनिया ने मुझे पहचान लिया’। उन्होंने स्वयं सीखा और दूसरों को भी सिखाया कि हार अंत नहीं है। हर असफलता
हमें अगली सफलता के लिए तैयार करती है। उन्होंने विद्यार्थियों से खेल व अन्य गतिविधियों
में बढ़-चढ़ कर भाग लेने का आह्वान किया। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने उद्घाटन सत्र
के दौरान हुई दौड़ प्रतियोगिता के विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित भी किया।
खेल निदेशालय के अधिष्ठाता प्रो. मनीष कुमार ने
सभी का स्वागत करते हुए कहा कि खेल शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य
के लिए भी उपयोगी होते हैं। खेलों में भाग लेने से खिलाड़ियों में सकारात्मक ऊर्जा का
संचार होता है। हर व्यक्ति को किसी न किसी खेल गतिविधि में अवश्य भाग लेना चाहिए।
खेल निदेशक डा. एसबी लूथरा ने धन्यवाद करते हुए
बताया कि इस खेल प्रतियोगिता के सुचारू संचालन के लिए 20 तकनीकी कर्मचारी लगाए गए हैं।इस
अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी
उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
